नवरात्रि का पवित्र पर्व शुरू होते ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। एक तरफ यूपी में नवरात्रि के 9 दिनों के लिए नॉन-वेज पर पाबंदी लगाने की मांग ने जोर पकड़ा है, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में हिंदू संगठनों ने गरबा और डांडिया उत्सव में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक का ऐलान कर दिया है। इन विवादों के बीच समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
‘खाने पर रोक कौन लगाएगा?’एसटी हसन ने यूपी में नॉन-वेज पर पाबंदी की मांग को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। गुस्से में उन्होंने कहा, “आप होते कौन हैं किसी के खाने पर रोक लगाने वाले? मुसलमान अपने घर में फ्रीजर में रखकर खा लेंगे, लेकिन फाइव-स्टार होटलों में बीफ की बिक्री क्यों नहीं रोकते? ये सब ड्रामेबाजी क्यों?” हसन ने आरोप लगाया कि नवरात्रि और कांवड़ यात्रा के दौरान मांस की दुकानों पर रोक लगाना सिर्फ वोटों की राजनीति है। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर इतनी ही भक्ति है, तो फाइव-स्टार होटलों में बीफ की बिक्री क्यों नहीं बंद की जाती? ये दोहरा रवैया क्यों?”
‘सबका देश, सबके अधिकार’एसटी हसन ने नॉन-वेज पर पाबंदी की मांग को देश की एकता के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, “यह देश सिर्फ हिंदुओं का नहीं, बल्कि मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों और सभी का है। नवरात्रि हो या कांवड़ यात्रा, कोई किसी को नॉन-वेज खाने से कैसे रोक सकता है? क्या हिंदू इन पर्वों में नॉन-वेज नहीं खाते?” हसन ने सरकार पर वोटों के ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, “भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बीफ एक्सपोर्टर है। फिर ये सारा नाटक क्यों? एक तरफ भक्ति की बात, दूसरी तरफ बिजनेस की चाल!”
‘गरबा में मुस्लिम न जाएं’#WATCH | On demands for meat shops to be shut during Navratri, SP leader ST Hasan says, "This country belongs to everyone...Not just Muslims but even Christians and Sikhs consume non-veg. How can you stop anyone from consuming it during Navratri or Kanwar Yatra? Who are you to do… pic.twitter.com/VZBh6qM0KC
— ANI (@ANI) September 22, 2025
मध्य प्रदेश में गरबा और डांडिया उत्सव में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर रोक को लेकर हसन का रुख थोड़ा अलग रहा। उन्होंने इस मसले पर सहमति जताते हुए कहा, “मैं इस बात के पक्ष में हूं कि मुसलमानों को गरबा में शामिल नहीं होना चाहिए। खासकर मुस्लिम लड़कों को वहां जाने की जरूरत नहीं है। मेरा उनसे अनुरोध है कि हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें।” हसन के इस बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिस पर सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक चर्चा तेज है।
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