Next Story
Newszop

केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा: सरकार की नई तैयारी, पढ़ें पूरी खबर!

Send Push

नैनीताल: उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर अपनी आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों का स्वागत करने को तैयार है। उत्तराखंड के धर्मस्व और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।

इसके साथ ही, नैनीताल के चौरसा में साधना ध्यान उपवन केंद्र का उद्घाटन भी किया गया, जो ध्यान और शांति की तलाश में आने वालों के लिए एक नया आकर्षण बनने जा रहा है। आइए, इन दोनों महत्वपूर्ण पहलों के बारे में विस्तार से जानें।

चारधाम यात्रा: श्रद्धा और सुविधा का संगम

चारधाम यात्रा, जो केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों को जोड़ती है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। इस साल भी यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से की गई हैं। सतपाल महाराज ने बताया कि अब तक 16 लाख से अधिक भक्तों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें केदारनाथ के लिए 5.51 लाख, बदरीनाथ के लिए 4.84 लाख, गंगोत्री के लिए 2.89 लाख, यमुनोत्री के लिए 2.79 लाख और हेमकुंड साहिब के लिए 23 हजार से अधिक पंजीकरण शामिल हैं। 

यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्ग से गुजरने वाले जिलों के लिए 12.75 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। सतपाल महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं और यात्रा के नियमों का पालन करें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके। कपाट खुलने की तारीखें भी निर्धारित हो चुकी हैं—यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 30 अप्रैल को, केदारनाथ के 2 मई को, बद्रीनाथ के 4 मई को और हेमकुंड साहिब के 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। 

साधना ध्यान उपवन केंद्र: शांति और आत्मचिंतन का नया ठिकाना

नैनीताल के चौरसा में साधना ध्यान उपवन केंद्र का उद्घाटन एक ऐसी पहल है, जो उत्तराखंड को आध्यात्मिक पर्यटन के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करेगी। इस केंद्र का उद्घाटन सतपाल महाराज ने किया, जहां आनंद लामा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह केंद्र न केवल ध्यान और योग के लिए एक शांत स्थान प्रदान करता है, बल्कि विश्व शांति का संदेश भी फैलाता है। 

सतपाल महाराज ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सुदूर क्षेत्र में ऐसा केंद्र स्थापित करना एक प्रेरणादायक कदम है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस केंद्र में आकर ध्यान करें और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करें। यह केंद्र सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है, जो इसे और भी खास बनाता है। आनंद लामा ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और शांति इस केंद्र को और भी अनूठा बनाती है। यह स्थान न केवल आत्मिक शांति प्रदान करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। 

उत्तराखंड: आध्यात्मिक पर्यटन का उभरता केंद्र

उत्तराखंड सरकार लगातार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। चारधाम यात्रा और साधना ध्यान उपवन केंद्र जैसे प्रयास न केवल श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देंगे। सतपाल महाराज ने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य यात्रियों को हर संभव सुविधा प्रदान करना है, ताकि उनकी यात्रा सुखद और यादगार रहे। 

इसके साथ ही, ध्यान उपवन केंद्र जैसे नवाचार उत्तराखंड को एक ऐसे गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहे हैं, जहां लोग न केवल तीर्थयात्रा के लिए, बल्कि मानसिक शांति और आत्मचिंतन के लिए भी आएंगे। यह केंद्र और चारधाम यात्रा मिलकर उत्तराखंड को आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन का एक अनूठा संगम बनाएंगे। 

यात्रियों के लिए सलाह

यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य जांच, उचित कपड़े, और यात्रा नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, साधना ध्यान उपवन केंद्र में समय बिताने की योजना बनाने वालों को पहले से बुकिंग और जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। उत्तराखंड की यह यात्रा निश्चित रूप से आपके जीवन में शांति और आनंद का एक नया अध्याय जोड़ेगी। 

Loving Newspoint? Download the app now