मुंबई की सड़कों से लेकर बॉलीवुड के पर्दे तक अपनी धमक रखने वाले दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) इन दिनों सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी एक्टिंग या राजनीति नहीं, बल्कि एक कानूनी विवाद है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मिथुन को मलाड के एरंगल गांव में उनके एक भूखंड पर कथित अवैध निर्माण (Illegal Construction) के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस ने न केवल मिथुन के प्रशंसकों को चौंकाया है, बल्कि मुंबई में अवैध निर्माणों के खिलाफ बीएमसी की सख्ती को भी रेखांकित किया है।
बीएमसी की सख्त कार्रवाई का दौरमुंबई, जो अपने गगनचुंबी इमारतों और चमक-दमक के लिए जानी जाती है, लंबे समय से अवैध निर्माणों की समस्या से जूझ रही है। बीएमसी ने हाल ही में मड इलाके में 100 से अधिक अवैध ढांचों को चिह्नित किया है, जिनमें कुछ आलीशान बंगले भी शामिल हैं। इनमें से कई निर्माण कथित तौर पर फर्जी लेआउट प्लान के आधार पर किए गए हैं। मिथुन चक्रवर्ती का मामला भी इसी कड़ी का हिस्सा है। बीएमसी ने साफ कर दिया है कि अगर मिथुन अपने निर्माण का औचित्य साबित करने में विफल रहे, तो उनका ढांचा ध्वस्त (Demolition) कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।
मिथुन के सामने चुनौतीमिथुन चक्रवर्ती, जो न केवल एक मशहूर अभिनेता हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता भी हैं, अब इस नोटिस का जवाब देने के लिए समयसीमा का सामना कर रहे हैं। बीएमसी ने उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे यह साबित करें कि उनका निर्माण नियमों के अनुरूप है। अगर वे ऐसा करने में असफल रहे, तो बीएमसी बिना किसी देरी के कार्रवाई करेगी। यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि मिथुन जैसे बड़े नाम का इसमें शामिल होना बीएमसी की निष्पक्षता और सख्ती को दर्शाता है।
मुंबई में अवैध निर्माणों का जालमुंबई में अवैध निर्माण कोई नई समस्या नहीं है। मड, मलाड, और गोरेगांव जैसे इलाकों में कई ऐसी इमारतें और बंगले हैं, जो नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं। बीएमसी का कहना है कि मई 2025 के अंत तक इन सभी अवैध ढांचों को हटाने की योजना है। इस अभियान के तहत न केवल छोटे ढांचे, बल्कि बड़े और प्रभावशाली लोगों के स्वामित्व वाली संपत्तियां भी निशाने पर हैं। बीएमसी के इस कदम से शहर में नियमों का पालन सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा संदेश जा रहा है।
आम लोगों की नजर मेंमिथुन चक्रवर्ती का यह मामला आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या बीएमसी का यह कदम वाकई निष्पक्ष है या यह केवल बड़े नामों को निशाना बनाने की रणनीति है। कुछ लोग बीएमसी की कार्रवाई को सराह रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि पहले छोटे स्तर के अवैध निर्माणों पर ध्यान देना चाहिए। इस पूरे मामले ने एक बार फिर मुंबई में नियमों और कानून के पालन को लेकर बहस छेड़ दी है।
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