रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने बसुकेदार क्षेत्र के तालजामण, डूंगर, बड़ेथ, जौला, कमद, उछोला, छैनागाड़, पटुय जैसे गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद जिला पंचायत सभागार में एक अहम बैठक आयोजित की, जिसमें आपदा से हुए नुकसान, राहत और बचाव कार्यों, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और श्री केदारनाथ धाम यात्रा की व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की गई।
आपदा पीड़ितों के साथ सरकारमुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस साल मानसून ने पूरे प्रदेश में भारी तबाही मचाई। कई इलाकों में मुश्किल हालात और चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने आपदा पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना जताई और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की तारीफ की। धामी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पहुंचकर राहत कार्य शुरू किए, जिससे लोगों को हिम्मत मिली।
प्रधानमंत्री का सहयोग, 1200 करोड़ की राहत राशिमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया, जिन्होंने आपदा के समय उत्तराखंड को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम लगातार आपदा की स्थिति पर नजर रखे हुए थे। देहरादून दौरे के दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और तत्काल राहत के लिए 1200 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। धामी ने अधिकारियों को 30 सितंबर तक अलर्ट मोड में रहने और आपदा से निपटने की पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। साथ ही, नदी-नालों पर अतिक्रमण हटाने पर जोर दिया।
केदारनाथ यात्रा को सुगम बनाने का प्लानमुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के बाद श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा होने की संभावना है। इसलिए यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए।”
जिलाधिकारी ने दी पूरी जानकारीरुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने मुख्यमंत्री को आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त को आई आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राहत शिविरों में आश्रय, खाद्यान्न किट, सोलर लाइट, कंबल, टेंट, तिरपाल, टॉर्च और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। हेली सेवा के जरिए प्रसव पीड़ित महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया। सड़क मार्ग, पेयजल योजनाएं, बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, कृषि भूमि, भवन और गौशालाओं को हुए नुकसान की भी जानकारी दी गई।
केदारनाथ यात्रा के लिए विशेष तैयारियांजिलाधिकारी ने जवाड़ी बाईपास, सिरोबगड़, मुनकटिया, गौरीकुंड हाईवे जैसे संवेदनशील स्थलों और केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर हुए नुकसान और सुधार कार्यों की जानकारी दी। साथ ही, यात्रा के दूसरे चरण में आने वाले श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या और हेली सेवाओं की व्यवस्था के बारे में भी बताया।
जनप्रतिनिधियों ने जताया आभाररुद्रप्रयाग और केदारनाथ के विधायकों ने आपदा के समय त्वरित कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने अपने क्षेत्रों में हुए नुकसान, सड़क निर्माण और अन्य समस्याओं को भी सामने रखा।
सभी ने दिखाई एकजुटताइस अवसर पर चिकित्सा, स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, विधायक भरत चौधरी, विधायक आशा नौटियाल, राज्य मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष रितु नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, पूर्व जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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