भारत में आम आदमी की रसोई का बजट एक बार फिर डगमगा गया है। दूध, जो हर घर की जरूरत है, अब और महंगा हो गया है। मदर डेयरी और अमूल, देश के दो सबसे बड़े डेयरी ब्रांड्स, ने एक के बाद एक दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस बार दोनों कंपनियों ने 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर से लेकर देश के अन्य हिस्सों तक देखने को मिलेगा। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आपकी जेब पर इसका कितना बोझ पड़ेगा।
दूध की कीमतों में क्यों हो रही है बढ़ोतरी?
मदर डेयरी और अमूल ने दूध की कीमतों में वृद्धि के पीछे बढ़ती लागत को जिम्मेदार ठहराया है। गर्मी और लू के कारण दूध का उत्पादन कम हुआ है, जिससे किसानों से दूध खरीदने की लागत में 4-5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। कंपनियों का कहना है कि वे इस बढ़ी हुई लागत का केवल एक हिस्सा ही उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, ताकि किसानों को उचित दाम मिल सके और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण दूध की आपूर्ति बनी रहे।
मदर डेयरी, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रतिदिन लगभग 35 लाख लीटर दूध बेचती है, ने बताया कि गर्मी के मौसम में दूध उत्पादन पर असर पड़ा है। वहीं, अमूल ने कहा कि वह किसानों को बेहतर भुगतान देने और उत्पादन लागत को संतुलित करने के लिए कीमतों में यह बदलाव कर रही है। दोनों कंपनियां दावा करती हैं कि यह वृद्धि न्यूनतम है और खाद्य मुद्रास्फीति की तुलना में कम प्रभाव डालेगी।
नई कीमतें: अब कितना चुकाना होगा?
मदर डेयरी ने 30 अप्रैल 2025 से दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी लागू की है। दिल्ली-एनसीआर में अब फुल क्रीम दूध 69 रुपये प्रति लीटर, टोंड दूध (पाउच) 57 रुपये, डबल टोंड दूध 51 रुपये, और गाय का दूध 59 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। थोक बिक्री के लिए टोंड दूध की कीमत 56 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
वहीं, अमूल ने 1 मई 2025 से अपनी सभी वैरायटीज, जैसे अमूल गोल्ड, अमूल शक्ति, अमूल ताजा, और चाय स्पेशल, में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। उदाहरण के लिए, अमूल गोल्ड अब 500 मिलीलीटर पैक के लिए 34 रुपये और 1 लीटर के लिए 68 रुपये में मिलेगा। ये नई कीमतें देशभर में लागू होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को हर महीने दूध पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
दूध की कीमतों में यह बढ़ोतरी मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ा झटका है। एक औसत परिवार, जो प्रतिदिन 2 लीटर दूध का उपयोग करता है, अब महीने में लगभग 120 रुपये अधिक खर्च करेगा। यह अतिरिक्त बोझ तब आया है, जब पहले से ही सब्जियों, ईंधन, और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिल्ली के एक गृहिणी, राधिका शर्मा, ने कहा, “हर कुछ महीनों में दूध के दाम बढ़ जाते हैं। रसोई का बजट संभालना अब मुश्किल हो गया है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि दूध की कीमतों में बार-बार वृद्धि से घरेलू बजट के साथ-साथ छोटे व्यवसायों, जैसे चाय की दुकानों और मिठाई की दुकानों, पर भी असर पड़ रहा है। हालांकि, कंपनियां यह तर्क दे रही हैं कि किसानों की आजीविका को बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था।
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