नई दिल्ली, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उन जवानों से भेंट की और उन्हें सम्मानित किया, जिन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक ‘ऑपरेशन महादेव’ को अंजाम देते हुए पहलगाम हमले के आतंकियों का सफाया किया।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देश की जनता की ओर से सुरक्षा बलों को यह सम्मान दिया जा रहा है, जिन्होंने देशवासियों के मन में सुरक्षा का विश्वास और अधिक मजबूत किया है। जिस समय कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर था, उसी दौरान आतंकियों ने पहलगाम हमले के जरिये ‘कश्मीर मिशन’ को पटरी से उतारने की असफल कोशिश की, लेकिन हमारे जवानों ने दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया।
गृहमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से जनता के मन में संतोष उत्पन्न हुआ था, जबकि ऑपरेशन महादेव ने उस संतोष को आत्मविश्वास में बदल दिया है। दोनों अभियानों ने आतंक के आकाओं को यह सख्त संदेश दिया है कि भारत के नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करने का अंजाम कितना भयावह हो सकता है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए वही आतंकी थे, जिन्होंने पहलगाम में निर्दोषों पर क्रूरता ढाई थी। शाह ने कहा कि भारत की सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि आतंकवादी चाहे कितनी भी रणनीति बदल लें, भारत को आहत कर बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध इस लड़ाई में अब जम्मू-कश्मीर पुलिस भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।
गृहमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव पर चाहे पक्ष हो या विपक्ष, सभी दलों और नागरिकों के मन में सुरक्षा बलों के प्रति अभिनंदन और उत्साह का भाव है। भारत के हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान हासिल करने की आकांक्षा का मूल आधार सुरक्षा का यह विश्वास ही है।
उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन महादेव पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और उसके सहयोगियों को निष्प्रभावी करने के लिए चलाया गया था। इस संयुक्त अभियान में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर 28 जुलाई को कई घंटों तक चले एनकाउंटर में लश्कर के तीन आतंकवादियों सुलेमान, अफगान और जिब्रान को मौत के घाट उतार दिया। इस सफलता के बाद घाटी में अमन-चैन की भावना और मजबूत हुई तथा पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास बढ़ा।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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