जौनपुर,29 जुलाई (Udaipur Kiran) ।अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष पाक्सो) द्वितीय रूपाली सक्सेना की अदालत ने नाै वर्ष पूर्व सिंगरामऊ थाना क्षेत्र में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म करने के दो आरोपियों को मंगलवार को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास व 5500 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार सिंगरामऊ थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने अदालत में 156(3) दं०प्र०सं०के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दिया कि वह अपने भाइयों के साथ दिल्ली शहर में रोजी-रोटी के सिलसिले में रहता है। घर पर अवयस्क बच्चे व महिलाएं रहती हैं। दिनांक 12 नवंबर 2016 को दिन में 10:00 बजे उसकी 16 वर्षीय भतीजी घर की अन्य बच्चियों के साथ गांव के चारागाह से सटे जंगल में बकरी चराने व लकड़ी बीनने के लिए गई थी। जहां एकांत पाकर उसकी भतीजी को गांव का ही रहने वाला हरिगेन व उसके साले का लड़का कमलेश पकड़कर मुंह दबाकर जंगल में ले गए और बारी-बारी से दोनों ने उसके साथ बलात्कार करके वीडियो बना लिया। वीडियो प्रसारित करने की धमकी देकर दोनों ने 5-6 बार उसके साथ बलात्कार किया। जब उसकी भतीजी गर्भवती हो गई तो आरोपीगण उसे एक डॉक्टर के पास ले गए और गर्भपात करवा दिया। सूचना पाकर दिल्ली से आने पर वादी थाने पर मुकदमा दर्ज करवाने गया किंतु पुलिस ने उसे डांट कर भगा दिया और सुलह समझौता करने का दबाव डाला। तब वादी न्यायालय में 156 (3) के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत करवाने का आदेश करवाया।पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी व रमेश चंद्र पाल के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने दोनों आरोपियों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 55000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव