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स्वदेशी डीएनए वैक्सीन और जीन थेरेपी के साथ भारत वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरा- डॉ. जितेन्द्र सिंह

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New Delhi, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने Saturday को कहा कि भारत ने कोरोना से बचाव के लिए दुनिया का पहला डीएनए टीका और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी टीका विकसित किया है. भारत अब 200 से ज़्यादा देशों को स्वदेशी टीके उपलब्ध कराता है. हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी के सफल परीक्षण के बाद विश्व में चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवा में भारत नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है.

डॉ. सिंह Saturday को यहां के विज्ञान भवन में आयोजित दिल्ली विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) के 54वें स्थापना दिवस और कॉलेज दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्री प्रदान की और डॉक्टरों की नई पीढ़ी से आग्रह किया कि वे करुणा के साथ नवाचार को अपनाएं.

उन्होंने कहा, दस साल पहले केवल लगभग 45 हजार स्नातक चिकित्सा सीटें थीं; आज यह संख्या लगभग डेढ़ लाख है. उन्होंने स्वास्थ्य सेवा वितरण में आए बदलाव को तीन गुना – सुलभ, किफ़ायती और उपलब्ध बताया और स्वास्थ्य के मामलों में राज्य और नागरिक के बीच संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए आयुष्मान भारत और जन औषधि केंद्रों जैसी पहलों को श्रेय दिया.

इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने संस्थान की 54 वर्षों की यात्रा को दर्शाते हुए एक स्‍मृति चिह्न का विमोचन किया, जिसमें चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और जनसेवा में कॉलेज की उपलब्धियों को दर्शाया गया है. डॉ. सिंह ने मेधावी छात्रों और संकाय सदस्यों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और चिकित्सा अनुसंधान एवं शिक्षण में योगदान के लिए पुरस्कार और पदक भी प्रदान किए.

कार्यक्रम की शुरुआत यूसीएमएस के शासी निकाय के अध्यक्ष प्रो. महेश वर्मा के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेज और मुख्य अतिथि प्रो. बलराम पाणि ने अपना संबोधन दिया.

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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