जयपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . हेरिटेज महापौर की कार्यप्रणाली को लेकर पार्षदों में आक्रोश है. एक बार फिर महापौर खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने महापौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के भी आरोप लगाए है. दीपावली का त्योहार सिर पर है लेकिन ना तो सड़कों की मरम्मत हुई और ना ही बाजार और गलियों को रोशन करने को लेकर कोई व्यवस्था की गई.
प्राप्त जानकारी अनुसार अभी तक चार साल में साधारण सभा की चार ही बैठक बुलाई गई है. नगर पालिका अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुसार निगम को वर्ष में छह और 60 दिन में एक बैठक करना अनिवार्य है. तय समय में बैठक नहीं करने पर राज्य सरकार कार्रवाई कर सकती है. सारी शक्तियां बोर्ड के पास होती है और निर्णय बोर्ड बैठक में होते हैं. यदि बैठक नहीं होगी तो निर्णय नहीं हो पाएंगे. साधारण सभा में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होती है और उनकी क्रियान्विति का रोडमैप बनता है. वार्ड 12 से कांग्रेसी पार्षद अख्तर हुसैन ने बताया कि महापौर कुसुम यादव के अब तक के कार्यकाल के दौरान फर्जी पट्टे जारी किए गए. शिकायतों के बाद भी न तो ठीक से जांच हुई और ना ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. ग्रेटर निगम में साधारण सभा की बैठक हो चुकी और वहां पर लगातार विकास कार्य करवाए जा रहे है. दीपावली की सजावट से लेकर सड़कों की मरम्मत के काम करवाए जा रहे है. अगले सप्ताह तक अगर हमारी शिकायतों पर काम नहीं होता है तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
कांग्रेसी पार्षद दशरथ सिंह ने बताया कि हेरिटेज निगम में जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे आमजन के काम होना तो दुश्कर हो गया है. बस्सी सीतारामपुरा, ठाठर योजना आमेर सहित अन्य योजनाओं में फर्जी पट्टे जारी किए गए, लेकिन निगम प्रशासन दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटा है. पार्षद अंजली ब्रह्मभट्ट ने बताया कि आगामी दिनों में आने वाले दीपावली के त्योहार पर निगम की ओर से साफ-सफाई, रोशनी व्यवस्था दुरुस्त करने, वार्डो में अन्य विकास कार्य होने चाहिए, लेकिन निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इससे पार्षदों को स्थानीय लोगों से खरी-खोटी सुननी पड़ रही है. स्थानीय लोगों को जबाव देते नहीं बन रहा है. साधारण सभा की बैठक भी आहूत नहीं की जा रही है. तय नियमों के अनुसार साधारण सभा का आयोजन नहीं करवाया जा रहा है. साधारण सभा की बैठक हो तो वार्डो को विकास कार्यो के लिए बजट मिल सकेगा. विकास करवाने के लिए प्रत्येक वार्ड को 1-1 करोड़ रुपए का बजट दिया जाना चाहिए. वर्तमान में चल रहे विकास कार्यो को लेकर गैराज शाखा सहित अन्य ठेकेदारों का बकाया भुगतान करने,टूटी सड़कों की मरम्मत, सीवर चैम्बरों की मरम्मत सहित अन्य विकास कार्य करवाने की जरुरत है.
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(Udaipur Kiran) / राजेश
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