बलरामपुर, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । बलरामपुर जिले के विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम रेवतीपुर में बीते सोमवार को कोरवा जनजाति की मृत्यु हो गई। परिजनों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग पर आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि, वन विभाग के द्वारा घर खाली करने के लिए हस्ताक्षर कराया गया था जिसके बाद तनाव में आकर उसकी मृत्यु हुई है। परिजन एवं स्थानीय ग्रामीणों ने रामचंद्रपुर सनवाल मुख्यमार्ग को तीन घंटे तक चक्का जाम कर दिया।
सूचना मिलते भी एसडीओपी बाजीलाल सिंह पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। जिसके बाद बीते शाम चक्का जाम खुला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रामानुजगंज सौ बिस्तर अस्पताल भेज दिया। देर शाम होने के कारण आज मंगलवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
रेवतीपुर के सरपंच ऐसा खातून ने बताया कि, 5 दिनों से लगातार वन विभाग की टीम गांव में आ रही थी एवं घरों के जब्ती नामा पर हस्ताक्षर कराकर फोटो खींचकर घर गिराए जाने की बात कही जा रही थी, जिससे रेवतीपुर के वार्ड क्रमांक 8 में रहने वाला बिफन कोरवा (उम्र 50 वर्ष) तनाव में रह रहा था। कई दिन से वह खाना पीना छोड़ दिया था। शाम को उसने जैसे ही पानी पीकर चलना शुरू किया, गिरकर उसकी मृत्यु हो गई।
इस सम्बंध में रेंजर अजय वर्मा ने चर्चा में बताया कि , मृतक पर किसी प्रकार का वन अपराध दर्ज नहीं है न ही उसे किसी प्रकार का वन विभाग की ओर से कोई नोटिस दिया गया था। वन विभाग की टीम वन अधिकार पट्टा के शिकायत पर जांच करने गांव में पहुंची थी।
वहीं इस मामले में रामचंद्रपुर थाना प्रभारी मनोज नौरंगे ने बताया कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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