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आयुर्वेद प्रकृति के साथ सामंजस्य में निहित एक जीवन विज्ञान है : प्रतापराव जाधव

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नई दिल्ली, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद केवल एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति और पर्यावरण के बीच सामंजस्य के सिद्धांत पर आधारित जीवन का विज्ञान है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर संदेश साझा करते हुए कहा कि इस साल से हर साल 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में मार्च 2025 को अधिसूचना जारी की है। वर्ष 2016 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार, आयुर्वेद दिवस हर वर्ष एक निश्चित तिथि अर्थात 23 सितंबर को मनाया जाएगा। इससे पहले, आयुर्वेद दिवस धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) को मनाया जाता था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के उत्सव का विषय- ‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद’ होगा।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 2016 में अपनी स्थापना के बाद से, आयुर्वेद दिवस भारत के पारंपरिक ज्ञान का उत्सव मनाने वाले एक वैश्विक आंदोलन के रूप में उभरा है। प्रथम अखिल भारतीय एनएसएसओ सर्वेक्षण इस बात की पुष्टि करता है कि आयुर्वेद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली उपचार प्रणाली है। 2025 का विषय समग्र स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी संतुलन को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

उल्लेखनीय है कि 2024 में आयुर्वेद दिवस पर लगभग 150 देशों में गतिविधियों का आयोजन किया गया और यह आयुर्वेद की बढ़ती वैश्विक पहुंच की पुष्टि करती हैं।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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