काठमांडू, 30 मई . नेपाल में राजतंत्र की पुनर्स्थापना को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन आज शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी है. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के नेतृत्व में काठमांडू के माइतीघर में प्रदर्शन किया गया.
गणतंत्र दिवस के दिन से ही देश में गणतंत्र व्यवस्था के विरोध में आरपीपी का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू हुआ है. गुरुवार को काठमांडू के रत्नपार्क में हुआ था. आज यह प्रदर्शन माइतीघर में हो रहा है. इस प्रदर्शन आरपीपी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन सहित सभी बड़े नेता सहभागी हो रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान लोग राजसंस्था की पुनर्बहाली और हिन्दू राष्ट्र घोषित करने को लेकर नाराबाजी कर रहे हैं. प्रदर्शन के कारण उस क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है. जिला प्रशासन ने प्रदर्शन को देखते हुए
सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
गुरुवार के प्रदर्शन में 10 हजार से अधिक समर्थकों के उपस्थिति से राजतंत्र समर्थक काफी उत्साहित हैं. वहीं इनके प्रदर्शन के विरोध में सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के तरफ से भी उसी स्थान पर, लेकिन अलग समय में प्रदर्शन किया गया, जिसमें महज कुछ सौ लोग ही मौजूद थे.
इसे लेकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन का विरोध करने के लिए एक सार्वजनिक अपील की थी. पूरी पार्टी ने काठमांडू की सड़कों पर अपने समर्थक उतरने के लिए जोड़ लगाया, लेकिन राजा समर्थकों की भीड़ के आगे सतारूढ़ दल के नेताओं की एक न चल पाई. आरपीपी की प्रवक्ता खुशबू ओली ने कहा कि सतारूढ़ दल के तरफ से भिड़ंत करने की पूरी तैयारी थी, लेकिन हमारी संख्या के आगे वो टिक नहीं पाए और खुद ही सड़क छोड़ कर चले गए. उनका कहना है कि शुक्रवार के प्रदर्शन के दौरान कल से भी अधिक भीड़ जमा होने वाली है.
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/ पंकज दास
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