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मप्रः एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, कूटरचित अंकसूचियों से सरकारी नौकरी हड़पने का खुलासा

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– फर्जी डीएड अंकसूचियों से शासकीय शिक्षक बने 8 लोगों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध, 26 की जांच जारी

भोपाल, 12 नवम्बर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल की फर्जी एवं कूटरचित डी.एड. (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अंकसूची का उपयोग कर शासकीय शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने वाले शासकीय सेवकों तथा उनसे जुड़े संगठित गैंग के विरुद्ध विशेष कार्रवाई करते हुए एसटीएफ Madhya Pradesh द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है.

पुलिस मुख्यालय द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा द्वारा संगठित अपराध एवं संगठित अपराधी गैंग के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है. इसी तारतम्य में एसटीएफमप्र को जानकरी प्राप्त हुई कि मप्र शिक्षा विभाग में कुछ व्यक्तियों द्वारा संगठित गैंग के साथ मिलकर फर्जी एवं कूटरचित डी.एड. की अंकसूचियां तैयार कर शासकीय शिक्षक की नौकरी में उपयोग कर सरकारी नौकरी का लाभ ले रहे हैं.

सूचना पर विशेष पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ पंकज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में Superintendent of Police एसटीएफ इकाई ग्वालियर राजेश सिंह भदौरिया, सहायक पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ मुख्यालय नवीन कुमार चौधरी तथा उप Superintendent of Police , एसटीएफ इकाई ग्वालियर प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में 05 सदस्यीय विशेष टीम द्वारा गोपनीय सत्यापन किया गया. संबंधित शिक्षा कार्यालयों से प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि जिन डी.एड. अंकसूचियों के आधार पर शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त की, वे या तो जारी नहीं की गई थीं अथवा अन्य व्यक्तियों को जारी की गई थीं.

गोपनीय सत्यापन के आधार पर 08 शिक्षक- गंधर्व सिंह रावत, साहब सिंह कुशवाह, बृजेश रोरिया, महेन्द्र सिंह रावत, लोकेन्द्र सिंह, रूबी कुशवाह, रविन्द्र सिंह राणा एवं अर्जुन सिंह चौहान के विरुद्ध थाना एसटीएफ भोपाल में अपराध पंजीबद्ध किया गया है. उक्त सभी शिक्षक वर्तमान में मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, इंदौर सहित विभिन्न जिलों में कार्यरत हैं. साथ ही अन्य 26 संदेहियों के विरुद्ध जांच जारी है. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत दस्तावेज सत्यापन रिपोर्ट भी कूटरचित थी.

एसटीएफ की प्रारंभिक विवेचना में यह तथ्य उजागर हुआ कि फर्जी डी.एड. अंकसूचियों के निर्माण एवं उपयोग में एक संगठित गैंग सक्रिय है, जिसने शासकीय सेवा में अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र रचा. इस गैंग के नेटवर्क एवं सहयोगियों की पहचान के लिये विवेचना जारी है.

(Udaipur Kiran) तोमर

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