नृशंस हत्या के दोषी राम निरंजन उर्फ राजा कलंदर और उसके साले बच्चराज को एडीजे कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। हालाँकि, अभियुक्त को सजा सुनाते समय अदालत ने माना कि यह घटना दुर्लभतम नहीं थी।
एडीजे रोहित सिंह ने 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में यह फैसला सुनाया है। अदालत में सरकारी वकील एमके सिंह ने दोनों दोषियों के लिए अधिकतम मृत्युदंड की मांग की। अदालती दस्तावेजों के अनुसार, रायबरेली निवासी मनोज सिंह (22) और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की वर्ष 2000 में अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में राजा कलंदर और बच्चराज को चार दिन पहले अदालत ने दोषी ठहराया था। इसके अलावा, 2012 में प्रयागराज के पत्रकार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में दोनों आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राजा कलंदर ने 14 से अधिक हत्याओं की बात कबूल की। जांच में पता चला कि हत्या के बाद वह शव को टुकड़ों में काटता था और उसका मांस खाता था।
प्रयागराज के नैनी स्थित शंकरगढ़ के हिनौता गांव निवासी राजा कलंदर को वर्ष 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के बाद गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने डकैती के दौरान हत्या के अपराध में दोनों दोषियों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
साक्ष्य छिपाने के लिए सात वर्ष का कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना, अपहरण के लिए दस वर्ष का कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना तथा लूटी या चोरी की संपत्ति रखने के लिए 10 वर्ष का कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अदालत ने आदेश दिया कि दोषियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। हालांकि, आरोपी को पूरी जुर्माना राशि जमा करनी होगी। अदालत ने दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, इसलिए दोनों आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।
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