उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से एक हैरान कर देने वाला और हीरोइक मामला सामने आया है। ईसानगर क्षेत्र के दरिगापुर गांव में स्थानीय प्रधान अनुराग मौर्य की पत्नी पूनम मौर्य को अचानक सांप ने डस लिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधान ने तत्काल कार्रवाई करते हुए न केवल पत्नी की जान बचाई, बल्कि इलाके में मौजूद लोगों के लिए भी एक सबक पेश किया।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए प्रधान अनुराग मौर्य ने बताया कि वह अपने घर के आंगन में थे जब अचानक उनकी पत्नी पूनम को सांप ने काट लिया। सांप को देख वह भयभीत नहीं हुए और तुरंत स्थिति को संभाला। उन्होंने साहसिक कदम उठाते हुए सांप को पकड़ लिया और उसे एक डिब्बे में बंद कर दिया। इसके बाद प्रधान तुरंत पत्नी और डिब्बे में बंद सांप को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे।
डॉक्टरों ने पूनम का समय पर इलाज शुरू किया, जिससे उनकी जान बच गई। डॉक्टरों ने कहा कि यदि इलाज में थोड़ी भी देरी होती, तो यह जानलेवा साबित हो सकता था। वहीं, अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने डिब्बे में बंद सांप को देखकर कहा कि यह वायपर प्रजाति का सांप है, जो अत्यंत जहरीला होता है। वायपर प्रजाति के सांप आमतौर पर जंगल और खेतों में पाए जाते हैं और इनके काटने से तुरंत चिकित्सा सहायता न मिलने पर जान को गंभीर खतरा होता है।
स्थानीय लोग और परिवार के सदस्य इस घटना को सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने प्रधान अनुराग मौर्य की बहादुरी की सराहना की, जिसने न केवल पत्नी की जान बचाई, बल्कि एक खतरनाक सांप को भी सुरक्षित तरीके से अस्पताल तक पहुंचाया। लोगों का कहना है कि इस घटना ने गांव में जागरूकता बढ़ाई है और यह समझाया है कि सांप द्वारा डसे जाने पर तुरंत पेशेवर मदद लेना कितना महत्वपूर्ण होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायपर जैसे जहरीले सांपों के काटने की स्थिति में घबराना नहीं चाहिए। तुरंत प्राथमिक चिकित्सा के बाद अस्पताल पहुंचना जीवन रक्षक साबित होता है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने भी इस घटना के बाद गांववासियों को चेताया है कि खेतों और घरों के आसपास सांपों के लिए सतर्क रहें और किसी भी सांप को बिना जानकार पकड़ने की कोशिश न करें।
इस घटना ने यह भी दर्शाया कि संयम, सतर्कता और साहस जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर बना सकते हैं। प्रधान अनुराग मौर्य की तत्परता और साहसिक कार्य ने न केवल उनकी पत्नी की जान बचाई, बल्कि पूरे इलाके के लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया।
लखीमपुर खीरी जिले में यह मामला एक सबक के रूप में याद किया जाएगा और यह दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण होता है। साथ ही, इस घटना ने गांववासियों को यह चेतावनी भी दी है कि जहरीले सांपों से सुरक्षित रहना हर किसी की जिम्मेदारी है।
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