बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल लगातार तेज होती जा रही है। विपक्ष जहां ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाकर सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ हमलावर है, वहीं महागठबंधन की ओर से निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अब राजनीतिक चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई में शुरू हुई यह यात्रा सोमवार को पटना में समाप्त हुई। यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची संशोधन (SIR) और वोट चोरी के आरोपों के खिलाफ जनसमर्थन जुटाना था। लगभग 25 जिलों से होते हुए 1300 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इस यात्रा का पटना में भव्य समापन हुआ।
पप्पू यादव को फिर नहीं मिली जगहयात्रा के अंतिम दिन सबसे ज्यादा चर्चा पप्पू यादव को लेकर रही। जन अधिकार पार्टी (जाप) सुप्रीमो पप्पू यादव को एक बार फिर यात्रा के मुख्य वाहन पर चढ़ने नहीं दिया गया। इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद यह मामला और भी गरमा गया।
पप्पू यादव पहले भी कई बार महागठबंधन की गतिविधियों में हाशिए पर दिखे हैं। खासकर, जब भी बड़े नेता मंच साझा करते हैं या यात्रा के मुख्य वाहनों पर चढ़ते हैं, उन्हें किनारे कर दिया जाता है। इस बार वायरल वीडियो ने इसे और उजागर कर दिया है।
राजनीतिक हलचलइस घटना पर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। विरोधी दलों ने इसे महागठबंधन में आंतरिक मतभेद का संकेत बताया है। सोशल मीडिया पर भी लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पप्पू यादव को यात्रा के अंतिम दिन भी क्यों नजरअंदाज किया गया।
विपक्ष का दावामहागठबंधन नेताओं का कहना है कि यात्रा पूरी तरह सफल रही और इससे जनता में जागरूकता फैली है। वहीं पप्पू यादव ने इस घटना पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है।
चुनाव से पहले सियासी तापमानबिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएँ न केवल विपक्षी एकता पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि सत्ता पक्ष को भी विपक्ष पर निशाना साधने का मौका देती हैं। अब देखना होगा कि महागठबंधन इस विवाद को कैसे संभालता है और चुनावी रणनीति में क्या बदलाव करता है।
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