नई दिल्ली। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने का फैसला किया है। सीएम धामी चाहते हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को हमारे देश के वीर सैनिकों की बहादुरी की गाथाओं से अवगत कराया जाए। इससे बच्चों के मन में देशभक्ति का जज्बा बढ़ेगा साथ ही वो अपने भारतीय सेना की वीरता के बारे में भी अच्छे से जान पाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का इस विषय पर कहना है, यह देवभूमि उत्तराखंड है, जिसे दूसरी भाषा में सैन्य धाम भी कहा जाता है। अगर यहां के आधुनिक मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे ऑपरेशन सिंदूर के बारे में नहीं जानेंगे, तो फिर कहां पढ़ेंगे?
उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के 117 मदरसे हैं जिनका आधुनिकीकरण होने जा रहा है और इसमें एनसीईआरटी का सिलेबस भी पढ़ाया जाएगा। शादाब शम्स ने कहा, हमारा मानना है कि सैन्य धाम होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों को हमारे सैनिकों की वीरता की गाथाएं बताएं। जिस प्रदेश के अंदर हर घर से एक सैनिक हो, जहां के मुख्यमंत्री एक सैनिक पुत्र हों, जहां के रोम-रोम में देश के लिए मरने-मिटने का जज्बा पैदा किया जाता हो अगर वहां के बच्चे सेना की वीर गाथाओं के बारे में नहीं पढ़ेंगे तो कहां पढ़ेंगे। हमारी सेना ने जितने युद्ध जीते हैं, सैनिकों ने जितनी कुर्बानियां दी हैं उनसे मदरसों के बच्चों को अवगत कराएंगे।
Dehradun, Uttarakhand: The Uttarakhand government has decided to include Operation Sindoor in the curriculum of all recognized madrasas across the state
— IANS (@ians_india) May 20, 2025
Shadab Shams, President, Uttarakhand Waqf Board, says, "This is Devbhoomi Uttarakhand, a land also known as Sainya Dham. If… pic.twitter.com/Gqy0pduzTW
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष बोले, वतन से मोहब्बत आधा ईमान है, हम मदरसे के बच्चों को इस पर चलना सिखाएंगे और बहुत खूबसूरत भारत बनाएंगे। जिस तरह से कर्नल सोफिया कुरैशी ने देश का नाम रोशन किया है, मुझे लगता है कि अब मुसलमान बच्चों में भी वो जज्बा पैदा हो रहा है। आधुनिक मदरसों में हमारी बेटियां भी कर्नल सोफिया कुरैशी की तरह निकलें और हमारे बेटे डा. एपीजे अब्दुल कलाम के रास्ते पर चलें और देश को कहें तन समर्पित, मन समर्पित और ये जीवन समर्पित।
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