नई दिल्ली। भारत के द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने से पाकिस्तान में पानी का संकट शुरू हो गया है। इसके चलते पाकिस्तान ने भारत से गुहार लगाते हुए कहा है कि सिंधु जल संधि पर एक बार फिर से विचार करें। पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैय्यद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। मुर्तजा ने कहा है कि सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के चलते पाकिस्तान में खरीफ की फसल के लिए सिंचाई के पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान से आई इस चिट्ठी को जल शक्ति मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को भेज दिया है।
पाकिस्तान ने ऐसे समय में भारत को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को स्पष्ट किया है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस में वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि आपने पाकिस्तानी फौज को भी बता दिया है पाकिस्तान में ऐसा कोई ठिकाना नहीं है जहां बैठकर आतंकवादी चैन की सांस ले सके। हम घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका तक नहीं देंगे।
वहीं सोमवार को देश के नाम संबोधन में भी प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा था कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकते। पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते। मोदी ने कहा था कि मैं आज विश्व समुदाय से भी कहूंगा अगर पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद पर ही होगी, पीओके पर ही होगी। वहीं कल ही भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी साफ शब्दों में संदेश दिया था कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को समर्थन देगा हम उसे पानी नहीं देंगे।
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