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अंतर्राष्ट्रीय अपीलों को दरकिनार कर गाजा पर इजरायली हमले जारी, 90 और फलस्तीनियों की मौत

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इजराइल बनाम हमास युद्ध अपडेट: इजराइल ने करीब डेढ़ साल से गाजा पट्टी की घेराबंदी कर रखी है। इजराइल हमास के आतंकवादी हमलों के जवाब में डेढ़ साल से गाजा पट्टी पर हवाई और जमीनी हमले कर रहा है, जिसमें सैकड़ों बच्चों और महिलाओं सहित हजारों लोग मारे गए हैं। ऐसे में अब ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा समेत दुनिया के 23 देशों ने इजरायल पर गाजा में युद्ध रोकने का दबाव बनाया है। दूसरी ओर, इजरायल ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले जारी रखे, जिसमें मंगलवार को करीब 90 लोग मारे गए।

गाजा पट्टी पर हवाई और जमीनी हमलों के साथ-साथ इजरायल ने दुनिया भर के देशों द्वारा फिलिस्तीनी नागरिकों को दी जाने वाली मानवीय सहायता पर भी प्रतिबंध लगा दिया। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण, इज़रायल ने मानवीय सहायता में आंशिक ढील दी है। परिणामस्वरूप, मंगलवार को खाद्य सामग्री से लदे 100 ट्रकों को गाजा में प्रवेश की अनुमति दी गई। हालांकि, यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गाजा में 20 लाख लोगों तक अति आवश्यक मानवीय सहायता पहुंची है या नहीं, जो तीन महीने से अधिक समय से इजरायली प्रतिबंधों के कारण भुखमरी के कगार पर हैं।

विश्व के देशों के दबाव के बावजूद, इज़रायल ने गाजा में एक नया सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य हमास द्वारा बंधक बनाये गये लोगों को मुक्त कराना और हमास को ख़त्म करना है। मंगलवार को हुए इज़रायली हमले में 85 से अधिक लोग मारे गए। इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों में गाजा में 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। गाजा पट्टी पर इजरायल के हमले के विरोध में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि अगर इजरायल अपने नए सैन्य अभियान नहीं रोकता है और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता पर प्रतिबंध नहीं हटाता है, तो हम जवाब में ठोस कदम उठाएंगे, जिसमें इजरायल के खिलाफ व्यापार प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया सहित 23 अन्य देशों ने गाजा को सीमित सहायता देने तथा क्षेत्र की घेराबंदी और सैन्य विस्तार के लिए इजरायल की कड़ी आलोचना की है। ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित 23 देशों ने इजरायल से आग्रह किया है कि वह भुखमरी से जूझ रही आबादी के लिए मानवीय सहायता का राजनीतिकरण न करे।

दुनिया भर के 23 देशों के दबाव का जवाब देते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “इन देशों के नेता हमसे वह युद्ध रोकने के लिए कह रहे हैं जो हम अपनी सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।” इसके अलावा यह देश फ़िलिस्तीनी राज्य की भी मांग कर रहा है। ये देश चाहते हैं कि हम इजरायली सीमा पर हमास आतंकवादियों के सफाए से पहले ही युद्ध रोक दें। युद्ध तभी समाप्त हो सकता है जब शेष बंधकों को रिहा कर दिया जाए। युद्ध तभी समाप्त होगा जब हमास आत्मसमर्पण कर देगा।

इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अब अपने देश के साथ-साथ दुनिया भर के देशों में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सेवानिवृत्त इजरायली जनरल और विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के नेता यार गोलान ने नेतन्याहू की आलोचना करते हुए कहा कि युद्ध के प्रति सरकार के दृष्टिकोण के कारण इजरायल दुनिया में अलग-थलग पड़ रहा है। कोई भी समझदार देश नागरिकों के खिलाफ नहीं लड़ता, छोटे बच्चों को मारने में आनंद नहीं लेता, तथा स्थानीय आबादी को निष्कासित करने का लक्ष्य नहीं रखता।

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