Dairy Farming Business क्या आप भी बढ़ती महंगाई और सीमित आय से परेशान हैं? क्या नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं और खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं? तो डेयरी फार्मिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। खास बात यह है कि सरकार अब डेयरी फार्मिंग यूनिट शुरू करने वालों को तकरीबन 42 लाख रुपए तक की सब्सिडी भी दे रही है, जिससे आपका बिजनेस शुरू करना आसान हो जाएगा।सरकारी योजना का फायदा कैसे उठाएं?भारत सरकार और कई राज्य सरकारें पशुपालन एवं डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शानदार स्कीम चला रही हैं। "डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना" के तहत आपको डेयरी यूनिट शुरू करने के लिए आर्थिक सहयोग मिलता है। इस स्कीम का मकसद दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में आय का स्तर ऊंचा करना है।कैसे मिलेगा 42 लाख रुपए का लाभ?योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी कुल 8 यूनिट यानी 200 दुधारू पशु तक रख सकता है।प्रति यूनिट में 25 गाय या भैंस की जरूरत होगी।सब्सिडी की दर SC/ST वर्ग के लिए 33% और सामान्य वर्ग के लिए 25% तय की गई है।यह राशि आपको तीन साल की लॉक-इन अवधि के बाद एकमुश्त मिलेगी।यदि आप समय पर कर्ज चुका देते हैं तो दो साल बाद फिर आवेदन कर सकते हैं।इस योजना का फायदा आप सात साल तक या लोन खत्म होने तक उठा सकते हैं।योजना के लिए आवेदन की जरूरी शर्तें:आवेदक को राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।कम से कम 21 साल की उम्र और मान्यता प्राप्त संस्था का डेयरी फार्मिंग सर्टिफिकेट जरूरी है।हर यूनिट के लिए कम से कम 3.5 एकड़ खेती की जमीन होनी चाहिए।यदि जमीन संयुक्त हो, तो परिवारजनों की सहमति लेनी होगी।आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन व आधार नंबर आधारित है।मुख्य बातें जो जानना बेहद जरूरी है:दूध संघों में पहले से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर चलती है।समय-समय पर राज्य सरकार ट्रेनिंग एवं मार्गदर्शन कैंप का आयोजन करती है ताकि युवाओं और किसानों को डेयरी फार्मिंग के व्यापार में आगे बढ़ने में सहयोग मिल सके।दूध उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों की आय बढ़ाने का सबसे तेज और सुरक्षित तरीका है।क्या सचमुच डेयरी बिजनेस आपके लिए फायदेमंद है?अगर आप स्वरोजगार की तलाश में हैं, ज्यादा आमदनी चाहते हैं और किसान या ग्रामीण युवा हैं—तो डेयरी फार्मिंग आपके लिए न सिर्फ आय का साधन है, बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी करता है। सरकार की मदद से इस सेक्टर में कदम रखते ही आप आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपने ही गांव में रोज़गार का नया रास्ता खुल सकता है।
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