नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के रामबन स्थित धर्मकुंड में रविवार सुबह बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई। हालांकि कुछ लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। बाढ़ के कारण कई घर पानी में डूब गए। लोग अपने घरों में फंस गये। बाढ़ के कारण लगभग 100 घर बह गये। वहीं धर्मकुंड बाजार की कई दुकानें भी बह गईं। इस अचानक आई बाढ़ से लोगों के साथ-साथ जानमाल का भी भारी नुकसान हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाढ़ में कई लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाया जा रहा है। अब तक 100 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है, जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है। पहली बादल फटने की घटना यहां के सेरी बंगा गांव में हुई थी। परिणामस्वरूप गांव के तीन लोग मारे गए। बाढ़ का पानी राजमार्ग पर बहता रहा, जिससे राजमार्ग के 250 किलोमीटर लंबे हिस्से में कई लोग अपने वाहनों के साथ घंटों तक फंसे रहे। पिछले दो दिनों में अकेले जम्मू प्रांत में बारिश की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है। धर्मकुंड गांव में बाढ़ के कारण 40 से अधिक घर बह गए, जबकि आसपास के अन्य गांवों में भी पानी घुस गया।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पूरे जिले में व्यापक तबाही हुई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। फिलहाल जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (डीआरएफ) और बचाव दल को रामबन में तैनात किया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए बचाव कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रामबन जिले में भीषण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई है। इसका असर रामबन जिले के आसपास भी देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम हो गया। कई परिवारों को भारी नुकसान हुआ है जबकि तीन लोगों की जान चली गई है।
इस बीच, लद्दाख में भारी बर्फबारी हुई, जिसके कारण स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इस बर्फबारी का सबसे बुरा असर कारगिल में पड़ा। कारगिल के खंगराल इलाके में दो फुट बर्फ की परत गिरी है। भारी बर्फबारी को देखते हुए एलएएचडीसी के मुख्य पार्षद ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बीच, सभी उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों को अलर्ट रहने का आदेश दिया गया है। मैकेनिकल विभाग सभी प्रभावित क्षेत्रों में भारी मशीनरी की मदद से बर्फ हटा रहा है। उधर, हिमाचल प्रदेश में अकेले इस साल प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में 262 लोगों की जान चली गई, यह जानकारी मंत्री जगतसिंह नेगी ने दी। उन्होंने कहा कि अकेले इस वर्ष अप्रैल माह में ऐसी घटनाओं में 38 लोगों की जान चली गई तथा यातायात के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 43 सड़कों को बंद करना पड़ा। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में बादल फटने और लद्दाख में बर्फबारी की घटनाओं के बीच आंध्र प्रदेश में बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। यह घटना प्रकाशम जिले में घटी। यहां के पेड्डा गांव में करीब 20 बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, तभी अचानक दो बच्चे बिजली की चपेट में आ गए। जिसमें उसकी मौत हो गई। जबकि देश की राजधानी दिल्ली में अप्रैल महीने में पिछले तीन सालों में सबसे अधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.4 डिग्री अधिक था। अप्रैल 2022 में अंतिम न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री था।
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