News India Live,Digital Desk: अक्सर जब हम सोने के गहने खरीदने किसी ज्वैलरी शॉप पर जाते हैं, तो दुकानदार की बातों पर भरोसा कर लेते हैं। कई लोग बस ‘916 हॉलमार्क’ देखकर मान लेते हैं कि सोना खरा है और खरीद लेते हैं। लेकिन बाद में पता चलता है कि सोने के नाम पर कुछ और ही थमा दिया गया, और तब सिवाय पछताने के कुछ नहीं बचता।
कुछ दुकानदार इतने शातिर होते हैं कि पलक झपकते ही, बातों ही बातों में आपको चूना लगा सकते हैं। इसलिए, सोना खरीदते वक्त (gold buying tips) थोड़ी समझदारी दिखाना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें जिनका ध्यान रखकर आप सोने की खरीदारी में होने वाले धोखे से बच सकते हैं।
1. सिर्फ ‘916’ देखकर खुश न हों:
‘916 हॉलमार्क’ का सीधा मतलब है कि सोना 91.6% शुद्ध है। इसे 22 कैरेट (22 carat gold) सोना कहते हैं, जिससे आमतौर पर गहने बनते हैं। आप इसे (22/24)*100 = 91.6% के हिसाब से समझ सकते हैं। लेकिन सिर्फ यही एक निशान देखकर संतुष्ट हो जाना काफी नहीं है। सोने की असली पहचान (gold purity check) के लिए और भी कई चीजें जांचनी चाहिए। सिर्फ एक ही चिन्ह पर अटकने के बजाय, पूरी डिटेल ध्यान से देखें।
2. हॉलमार्क को ठीक से समझें और जांचें:
असली सोने की पहचान (how to identify real gold) और गारंटी हॉलमार्क से ही मिलती है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) गहनों पर अपनी मुहर लगाता है, जो शुद्धता का प्रमाण है। असली हॉलमार्क में तीन चीजें जरूर देखें:
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BIS का लोगो (त्रिकोण जैसा निशान)
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कैरेट में शुद्धता (जैसे 22K916)
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6 अंकों का HUID कोड (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन)
यह HUID कोड हर गहने पर अलग होता है और इसमें अक्षर और अंक दोनों होते हैं। अगर ये तीनों चीजें नहीं हैं, या HUID कोड नहीं है, तो सोना नकली हो सकता है या उसकी शुद्धता संदिग्ध है। सरकार ने इसीलिए हॉलमार्किंग अनिवार्य की है।
3. सोने की रीसेल वैल्यू जरूर पूछें:
आमतौर पर किसी चीज को दोबारा बेचने पर उसकी कीमत कम मिलती है, लेकिन सोना एक ऐसी चीज है जिसे बेचने पर अच्छी कीमत (gold resale value) मिल सकती है, बिल्कुल जमीन की तरह। इसलिए, सोना खरीदते समय हमेशा मौजूदा रेट (today gold rate) और उसकी रीसेल या एक्सचेंज वैल्यू (gold exchange policy) के बारे में जरूर पूछ लें। यह भी साफ कर लें कि वापस बेचते समय मेकिंग चार्ज का पैसा वापस मिलेगा या नहीं।
4. हमेशा पक्का बिल लें, कच्ची पर्ची नहीं:
जब भी सोना खरीदें, दुकानदार से पक्का बिल (gold purchase bill) लेना कभी न भूलें। इस बिल में सोने की शुद्धता (जैसे 22K, 18K), हॉलमार्क का HUID नंबर, मेकिंग चार्ज कितना लगा, GST और ज्वैलर का पूरा नाम, पता और लाइसेंस नंबर साफ-साफ लिखा होना चाहिए। पक्का बिल न होने पर सोना वापस बेचने या एक्सचेंज करने में बहुत दिक्कत आ सकती है। ध्यान दें कि मेकिंग चार्ज (gold making charges explained) आमतौर पर 8% से लेकर 30% तक हो सकता है, इसे बिल पर अलग से लिखा होना चाहिए।
5. स्टोन वाले गहनों में रहें ज्यादा सावधान:
अगर आप ऐसे गहने खरीद रहे हैं जिनमें हीरे या कोई दूसरे रत्न (स्टोन) जड़े हुए हैं (stone studded jewellery buying guide), तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। कई बार दुकानदार चालाकी से स्टोन के वजन को भी सोने के भाव में तौल देते हैं। हमेशा यह पक्का करें कि बिल में स्टोन का वजन और कीमत अलग से लिखी गई हो। यह भी जांच लें कि स्टोन असली हैं या नकली। याद रखें, ज्यादातर स्टोन की कीमत सोने के मुकाबले काफी कम होती है। अगर इन्हें सोने के साथ तौल दिया गया तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।
थोड़ी सी जानकारी और सावधानी आपको सोने की खरीदारी में होने वाले बड़े नुकसान से बचा सकती है। अगली बार जब सोना खरीदें, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें!
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