नवी मुंबई: भारतीय टीम ने महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया है। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने अपना पहला आईसीसी खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर विश्व चैंपियन बनी। फाइनल में 58 रन बनाने और 5 विकेट लेकर भारत की ऐतिहासिक जीत की कहानी लिखने वाली दीप्ति शर्मा का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट यादगार रहा। उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने जाने के बाद दीप्ति ने कहा, 'मुझे जो भी भूमिका दी जाती है, मैं उसका हमेशा आनंद लेती हूं। मैं किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार रहती हूं, क्योंकि मुझे चुनौतियां पसंद हैं। मुझे आज परिस्थिति के अनुसार खेलना था और मैंने बल्ले और गेंद दोनों से अपनी भूमिका का आनंद लिया। लौरा ने बहुत अच्छी पारी खेली। हम बहुत शांत थे। हम हमेशा एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाते रहते थे, जो भी ड्रिंक्स ब्रेक या अन्य ब्रेक हमें मिलता था। हम उस समय का उपयोग योजनाओं पर चर्चा करने के लिए करते थे। हमने विश्व कप जीत लिया है। मैं यह ट्रॉफी अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगी।'
मैच की बात करें तो टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 7 विकेट पर 298 रन बनाए थे। शेफाली वर्मा 78 गेंद पर 7 चौके और 2 छक्के की मदद से 87 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहीं। शेफाली ने मंधाना 45 के साथ पहले विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की। इसके अलावा दीप्ति शर्मा ने 58 गेंद पर 58, ऋचा घोष ने 24 गेंद पर 34, जेमिमा रोड्रिग्स ने 24 और हरमनप्रीत कौर ने 20 रन की पारी खेली।
भारत के दिए 299 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका के लिए कप्तान और सलामी बल्लेबाज लौरा वोल्वार्ड्ट ने शतक लगाया। उन्होंने 98 गेंद पर 11 चौके और 1 छक्के की मदद से 101 रन की पारी खेली। वह सातवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुईं। इसके अलावा एनेरी डर्कसेन ने 35, सुन लूस ने 25 और तंजिम ब्रिट्स ने 23 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका 45.3 ओवर में 46 रन पर सिमट गई और 52 रन से मैच हार गई। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने यादगार गेंदबाजी की। दाएं हाथ की इस स्पिनर ने 9.3 ओवर में 39 रन देकर 5 विकेट लिए। शेफाली वर्मा ने 2 और श्री चरणी ने 1 विकेट लिए।
प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने जाने के बाद दीप्ति ने कहा, 'मुझे जो भी भूमिका दी जाती है, मैं उसका हमेशा आनंद लेती हूं। मैं किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार रहती हूं, क्योंकि मुझे चुनौतियां पसंद हैं। मुझे आज परिस्थिति के अनुसार खेलना था और मैंने बल्ले और गेंद दोनों से अपनी भूमिका का आनंद लिया। लौरा ने बहुत अच्छी पारी खेली। हम बहुत शांत थे। हम हमेशा एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाते रहते थे, जो भी ड्रिंक्स ब्रेक या अन्य ब्रेक हमें मिलता था। हम उस समय का उपयोग योजनाओं पर चर्चा करने के लिए करते थे। हमने विश्व कप जीत लिया है। मैं यह ट्रॉफी अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगी।'
मैच की बात करें तो टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 7 विकेट पर 298 रन बनाए थे। शेफाली वर्मा 78 गेंद पर 7 चौके और 2 छक्के की मदद से 87 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहीं। शेफाली ने मंधाना 45 के साथ पहले विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी की। इसके अलावा दीप्ति शर्मा ने 58 गेंद पर 58, ऋचा घोष ने 24 गेंद पर 34, जेमिमा रोड्रिग्स ने 24 और हरमनप्रीत कौर ने 20 रन की पारी खेली।
भारत के दिए 299 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका के लिए कप्तान और सलामी बल्लेबाज लौरा वोल्वार्ड्ट ने शतक लगाया। उन्होंने 98 गेंद पर 11 चौके और 1 छक्के की मदद से 101 रन की पारी खेली। वह सातवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुईं। इसके अलावा एनेरी डर्कसेन ने 35, सुन लूस ने 25 और तंजिम ब्रिट्स ने 23 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका 45.3 ओवर में 46 रन पर सिमट गई और 52 रन से मैच हार गई। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने यादगार गेंदबाजी की। दाएं हाथ की इस स्पिनर ने 9.3 ओवर में 39 रन देकर 5 विकेट लिए। शेफाली वर्मा ने 2 और श्री चरणी ने 1 विकेट लिए।
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