वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को H-1B वर्कर वीजा पर अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने इसका बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका को कुछ क्षेत्रों में विदेशी प्रतिभाओं को लाने की जरूरत है। ऐसे में H-1B वीजा को जारी रखा जाना चाहिए। ट्रंप के इस रुख ने ध्यान खींचा है क्योंकि हाल ही में उन्होंने H-1B वीजा की फीस में कई गुना की बढ़ोतरी की है। ट्रंप प्रशासन की ओर से इस फैसले पर कहा गया था कि ये वीजा अमेरिकियों की नौकरी छीन रहा है। ट्रंप का बदला रुख खासतौर से भारतीयों के लिए राहत लेकर आया है क्योकि सबसे ज्यादा H-1B वीजा के लाभार्थी भारतीय रहे हैं।
फॉक्स न्यूज की लॉरा इंग्राहम के साथ एक साक्षात्कार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप से H-1B वीजा और इमिग्रेशन पर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि हम बाहरी लोगों के लिए दरवाजा बंद नहीं कर सकते हैं। निश्चित रूप से दुनिया भर से प्रतिभाशाली लोगों को लाना होगा। पत्रकार ने जब कहा कि अमेरिका में काफी प्रतिभाशाली लोग हैं तो ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि हमारे पास कुछ खास प्रतिभाएं नहीं हैं
ट्रंप ने बदला रुखइस साल जनवरी में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने वीजा और इमिग्रेशन के मुद्दे पर काफी सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने अवैध रूप से रह लोगों को वापस भेजने का अभियान चलाया है। वहीं वीजा नियमों में ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे विदेशी कामगारों को अमेरिका में आने और काम करने में मुश्किल पैदा हो। ऐसे में उनके इस बयान को यूटर्न माना जा रहा है। ट्रंप ने अब कहा है कि अमेरिका को विदेशों से कुशल कामगारों की जरूरत है।
ट्रंप की यह टिप्पणी कुशल श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। ट्रंप प्रशासन ने सितंबर में ही H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाया है। H-1B वीजा का इस्तेमाल देश की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों, खासकर तकनीकी उद्योग की दिग्गज कंपनियां दूसरे देशों से श्रमिकों को लाने के लिए करती हैं। इस वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारत के लोग करते हैं। ऐसे में ट्रंप प्रशासन इस पर नरम पड़ते हैं तो यह भारतीयों के लिए चीजों को आसान कर सकता है।
फॉक्स न्यूज की लॉरा इंग्राहम के साथ एक साक्षात्कार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप से H-1B वीजा और इमिग्रेशन पर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि हम बाहरी लोगों के लिए दरवाजा बंद नहीं कर सकते हैं। निश्चित रूप से दुनिया भर से प्रतिभाशाली लोगों को लाना होगा। पत्रकार ने जब कहा कि अमेरिका में काफी प्रतिभाशाली लोग हैं तो ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि हमारे पास कुछ खास प्रतिभाएं नहीं हैं
ट्रंप ने बदला रुखइस साल जनवरी में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने वीजा और इमिग्रेशन के मुद्दे पर काफी सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने अवैध रूप से रह लोगों को वापस भेजने का अभियान चलाया है। वहीं वीजा नियमों में ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे विदेशी कामगारों को अमेरिका में आने और काम करने में मुश्किल पैदा हो। ऐसे में उनके इस बयान को यूटर्न माना जा रहा है। ट्रंप ने अब कहा है कि अमेरिका को विदेशों से कुशल कामगारों की जरूरत है।
ट्रंप की यह टिप्पणी कुशल श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। ट्रंप प्रशासन ने सितंबर में ही H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाया है। H-1B वीजा का इस्तेमाल देश की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों, खासकर तकनीकी उद्योग की दिग्गज कंपनियां दूसरे देशों से श्रमिकों को लाने के लिए करती हैं। इस वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारत के लोग करते हैं। ऐसे में ट्रंप प्रशासन इस पर नरम पड़ते हैं तो यह भारतीयों के लिए चीजों को आसान कर सकता है।
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