ढाका: पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा बीते हफ्ते बांग्लादेश पहुंचे हैं। मिर्जा की ढाका में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के हेड मोहम्मद यूनुस से मुलाकात हुई है। खास बात यह है कि 24 अक्टूबर को मिर्जा के ढाका पहुंचने के दो दिन बाद 26 अक्टूबर को पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के दो मंत्री बांग्लादेश की राजधानी पहुंच गए। पाकिस्तानी आर्मी के सीनियर अफसर और फिर दो अहम मंत्रियों के ढाका पहुंचने से साफ है कि इस्लामाबाद की यूनुस सरकार में पैठ बढ़ रही है। हालांकि एक्सपर्ट इस तरह के दौरों को द्विपक्षीय संबंधों से इतर कुछ मान रहे हैं।
पाकिस्तानी आर्मी, खुफिया एजेंसी ISI और सरकार के लोगों के ढाका दौरों से भारत की चिंता बढ़ सकती है। पाकिस्तान ने पूर्व में बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल भारत के असम, और पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति फैलाने के लिए करता रहा है। ऐसे में अगर पाक आर्मी और ISI को ढाका में तरजीह मिलती है। भारत के खिलाफ साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में भारत का ध्यान इस पर जरूर होगा कि आखिर पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच क्या चल रहा है।
शहबाज के मंत्री ढाका मेंजनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बाद शहबाज शरीफ सरकार के दो अहम मंत्री ढाका पहुंच गए हैं। इनमें एक आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा और दूसरे पेट्रोलियम मंत्री अली परवेज मलिक हैं। दोनों नेता पूरे दलबल के साथ हैं। अहद चीमा वरिष्ठ अधिकारियों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं परवेज मलिक के साथ नौकरशाहों की छह सदस्यीय टीम है।
पाकिस्तानी अफसरों और नेताओं के ढाका दौरे की एक और बात ने ध्यान खींचा है। वह बात यह है कि जनरल मिर्जा की ढाका की मीडिया में खूब चर्चा हुई। दूसरी ओर पाकिस्तानी मंत्रियों के ढाका दौरे को मीडिया की सुर्खियों से दूर रखा गया है। इससे ये सवाल उठता है कि क्या दोनों नेताओं की कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसे दोनों पक्ष सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं।
पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधपाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने अगस्त के तीसरे सप्ताह में बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा की थी। वहीं 21 अगस्त को पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री कमाल खान चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे थे। वहीं ISI के शीर्ष अफसर और पाक सेना के सीनियर अधिकारी भी कई-कई दिन ढाका में बिता रहे हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक रूप से अच्छे नहीं रहे हैं। 1971 के अत्याचारों के लिए बांग्लादेशियों के मन में पाक आर्मी के लिए गुस्सा रहा है। हालांकि मोहम्मद यूनुस सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने को अहमियत दी है। बीते साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार की कमान संभाली है।
पाकिस्तानी आर्मी, खुफिया एजेंसी ISI और सरकार के लोगों के ढाका दौरों से भारत की चिंता बढ़ सकती है। पाकिस्तान ने पूर्व में बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल भारत के असम, और पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति फैलाने के लिए करता रहा है। ऐसे में अगर पाक आर्मी और ISI को ढाका में तरजीह मिलती है। भारत के खिलाफ साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में भारत का ध्यान इस पर जरूर होगा कि आखिर पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच क्या चल रहा है।
शहबाज के मंत्री ढाका मेंजनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बाद शहबाज शरीफ सरकार के दो अहम मंत्री ढाका पहुंच गए हैं। इनमें एक आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा और दूसरे पेट्रोलियम मंत्री अली परवेज मलिक हैं। दोनों नेता पूरे दलबल के साथ हैं। अहद चीमा वरिष्ठ अधिकारियों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं परवेज मलिक के साथ नौकरशाहों की छह सदस्यीय टीम है।
पाकिस्तानी अफसरों और नेताओं के ढाका दौरे की एक और बात ने ध्यान खींचा है। वह बात यह है कि जनरल मिर्जा की ढाका की मीडिया में खूब चर्चा हुई। दूसरी ओर पाकिस्तानी मंत्रियों के ढाका दौरे को मीडिया की सुर्खियों से दूर रखा गया है। इससे ये सवाल उठता है कि क्या दोनों नेताओं की कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसे दोनों पक्ष सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं।
पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधपाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने अगस्त के तीसरे सप्ताह में बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा की थी। वहीं 21 अगस्त को पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री कमाल खान चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे थे। वहीं ISI के शीर्ष अफसर और पाक सेना के सीनियर अधिकारी भी कई-कई दिन ढाका में बिता रहे हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक रूप से अच्छे नहीं रहे हैं। 1971 के अत्याचारों के लिए बांग्लादेशियों के मन में पाक आर्मी के लिए गुस्सा रहा है। हालांकि मोहम्मद यूनुस सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने को अहमियत दी है। बीते साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार की कमान संभाली है।
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