अगली ख़बर
Newszop

Bihar Chunav: अलिनगर में RJD के विनोद मिश्रा के सामने BJP की मैथिली ठाकुर, मुकाबला अनुभव Vs लोकप्रियता

Send Push
पटना: बिहार की अलिनगर विधानसभा सीट पर सभी की नजरें हैं। इस सीट पर एक तरफ आरजेडी के काफी अनुभवी नेता विनोद मिश्रा हैं और दूसरी तरफ पहला चुनाव लड़ रहीं मैथिली ठाकुर हैं। बीजेपी विनोद मिश्रा को हराने के लिए मैथिली की लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहती है।

बिहार के दरभंगा जिले की अलिनगर सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। यहां 25 साल की युवा बीजेपी उम्मीदवार और लोक गायिका मैथिली ठाकुर, 63 साल के अनुभवी आरजेडी नेता विनोद मिश्रा को टक्कर देंगी। यह मुकाबला पीढ़ियों के अंतर को भी दर्शाता है, जहां एक नई पीढ़ी की उम्मीदवार एक पुराने दिग्गज को चुनौती दे रही हैं। यह चुनाव 6 नवंबर को पहले चरण में होगा, जिसमें बिहार की 120 अन्य सीटों पर भी वोट डाले जाएंगे। मैथिली ठाकुर सबसे युवा उम्मीदवार हैं और अगर वे जीतती हैं तो सबसे कम उम्र की विधायक बन सकती हैं। इस सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार बिप्लव कुमार चौधरी भी मैदान में हैं। बिप्लव भी जन सुराज से पहला चुनाव लड़ रहे हैं।

दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी ब्राह्मण समुदाय सेमैथिली ठाकुर ब्राह्मण समुदाय से आती हैं और मधुबनी जिले के उरेन गांव की रहने वाली हैं। वहीं, आरजेडी के विनोद मिश्रा भी ब्राह्मण हैं और दरभंगा जिले के घनश्यामपुर गांव में रहते हैं। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, मैथिली ठाकुर ने 2023 में 28,67,350 रुपये की आय घोषित की है। दूसरी ओर विनोद मिश्रा ने 2025-26 के आकलन वर्ष के लिए 7,07,010 रुपये की आय बताई है।

बीजेपी इस बार युवा चेहरे और मैथिली ठाकुर की लोक गायिका के तौर पर पहले से स्थापित प्रसिद्धि पर दांव लगा रही है। वहीं आरजेडी इस सीट को वापस जीतना चाहती है, जिसे वह 2020 में हार गई थी। साल 2020 के चुनाव में विनोद मिश्रा ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मिश्री लाल यादव से करीब 4 हजार वोटों से हार गए थे। मिश्री लाल यादव ने तब एक और अनुभवी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराया था। बाद में मिश्री लाल यादव ने पार्टी बदल ली और बीजेपी में शामिल हो गए। हालांकि, हाल ही में अक्टूबर में यादव ने बीजेपी छोड़ दी और कहा कि पार्टी दलित विरोधी है।

मैथिली को जीत मिलने का भरोसामैथिली ठाकुर ने बुधवार को कहा कि, ''यह (चुनाव में उम्मीदवारी) प्रधानमंत्री मोदी जी और अमित शाह के नेतृत्व में यह सौभाग्य मुझे मिला है। उन्होंने जनता से कहा कि जीत रही हूं, यह मुझे लोगों के स्नेह और दुलार से पता चल रहा है।''



अलिनगर सीट से आरजेडी के अब्दुल सिद्दीकी दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2010 और 2015 के चुनाव जीते थे। हालांकि, वे 2025 के चुनाव में उम्मीदवार नहीं हैं क्योंकि वे विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो अलिनगर के मतदाता ऐसे उम्मीदवार की तलाश में हैं जो क्षेत्र में बेहतर बुनियादी ढांचा, जैसे अच्छी सड़क कनेक्टिविटी और बेहतर संचार व्यवस्था उपलब्ध करा सके।

पिछला चुनाव वीआईपी ने जीता थासन 2010 के चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार ने 4.9 फीसदी वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। 2015 में यह अंतर बढ़कर 9.60 प्रतिशत हो गया था। लेकिन 2020 में वीआईपी पार्टी ने सबको चौंका दिया और तत्कालीन वीआईपी नेता मिश्री लाल यादव ने 2 फीसदी वोटों के अंतर से यानी 3101 वोटों से जीत दर्ज की।

साल 2020 के चुनाव में अलिनगर विधानसभा क्षेत्र में 57.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस समय कुल 275559 मतदाता थे। हालांकि, राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के बाद वोटर लिस्ट अपडेट हो गई है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।

अलिनगर के चुनाव में दो अलग-अलग विचारधाराओं और पीढ़ियों के बीच का मुकाबला है। एक तरफ युवा मैथिली ठाकुर हैं, जो अपनी गायकी से लोगों के दिलों में जगह बना चुकी हैं और अब राजनीति में भी अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। दूसरी तरफ अनुभवी विनोद मिश्रा हैं, जो आरजेडी के गढ़ को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। अलिनगर की जनता का फैसला ही तय करेगा कि इस बार कौन बाजी मारता है। देखना यह है कि मैथिली ठाकुर का युवा जोश और प्रसिद्धि, विनोद मिश्रा के अनुभव पर भारी पड़ती है या नहीं।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें