कैमूर: बिहार विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की विधानसभा सीटों पर 'जंग' की एक अलग तस्वीर दिख रही है। कैमूर जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं। इन चार में से तीन विधानसभा क्षेत्रों में नेता पार्टी का झंडा बदलकर एक दूसरे को चुनौती दे रहे है। उम्मीदवार वही पुराने हैं, पर इस बार अलग सोशल इंजीनियरिंग वाले दल का झंडा बदल कर चुनावी रण में उतरे हुए हैं। यहां 11 नवंबर को चुनाव होना है। सवाल यह है कि दल बदल के नेताओं को क्या जानता स्वीकार करती है ? क्या इस बदलाव में चुनावी परिणाम भी बदलेंगे? आइए जानते हैं...
कैमूर जिले के चार विधानसभा क्षेत्रकैमूर जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें मोहनिया सीट, भभुआ सीट, चैनपुर और रामगढ़ शामिल हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए यहां शून्य पर आउट हुई थी। राजद ने मोहनिया, भभुआ और रामगढ़ विधानसभा में जीत का परचम लहराया था। केवल एक सीट चैनपुर विधानसभा से बसपा के जमा खान ने जीती थी। बाद में जमा खान ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की और मंत्री बन गए। अब वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव कैमूर में 'बदले रंग' के साथ खेला जा रहा है।
मोहनिया विधानसभा: राजद की विजेता अब बीजेपी की उम्मीदवर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की संगीता देवी ने बीजेपी के निरंजन राम को लगभग 12 हजार मतों के अंतर से हराया था। तब संगीता देवी को 61235 मत मिले और बीजेपी के निरंजन राम को 49181 मत मिले थे।
वर्ष 2025 विधानसभा के जंग में झंडा बदल कर इस बार उम्मीदवार चुनावी रण में शामिल हैं। राजद के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली संगीता देवी इस बार भाजपा के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतरी हुई हैं। संगीता देवी भाग्य की सिकंदर निकली। राजद ने श्वेता सुमन को टिकट दिया था, पर उनका नामांकन ही रद्द कर दिया गया है। लेकिन बाद में राजद के रणनीतिकारों ने पूर्व सांसद छेदी पासवान के पुत्र रविशंकर पासवान को अपना समर्थन दिया है।
भभुआ विधानसभा: विजेता भरत बिंद ने बदला दल
वर्ष 2020 के चुनावी जंग में भभुआ से राजद के भरत बिंद ने लगभग 10 हजार मतों के अंतर से बीजेपी की उम्मीदवार रिकी रानी पांडेय को हराया था। तब भरत बिंद को 57561 मत आया था। बीजेपी की रिंकी रानी पांडेय को 47516 मत मिला था।
वर्ष 2025 विधानसभा के चुनावी जंग में भभुआ की राजनीति का रंग ही बदला बदला है। वर्ष 2020 की चुनावी जंग में राजद से चुनाव जीतने वाले भरत बिंद इस बार भाजपा की टिकट से राजद के वीरेंद्र कुमार सिंह को चुनौती दे रहे हैं।
चैनपुर विधानसभा: जमा खान जदयू में, बिंद अब राजद में
वर्ष 2020 में चैनपुर विधानसभा से बसपा के जमा खान ने बीजेपी के ब्रजकिशोर बिंद को तकरीबन 25 हजार मतों से हराया था। तब जमा खान को 95245 मत मिले थे और ब्रजकिशोर बिंद को 70951 मत मिले थे।
वर्ष 2025 विधानसभा की जंग में गत चुनाव में रनर रहे बीजेपी के ब्रज किशोर बिंद इस बार राजद की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं वर्ष 2020 में बसपा की टिकट से चुनाव लड़ने वाले जमा खान जदयू के सिंबल तीर के सहारे चुनाव जीतने में लगे हैं।
रामगढ़ विधानसभा: उपचुनाव विजेता फिर मैदान मेंवर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा से सुधाकर सिंह ने बसपा के अंबिका यादव को 89 मतों के अंतर से हराया था। तब सुधाकर सिंह को 58083 मत मिले और बसपा के अंबिका यादव को 57894 मत मिला था। बाद में सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद हो गए तो रामगढ़ में उपचुनाव हुए। वर्ष 2024 के उप चुनाव में बीजेपी के अशोक सिंह ने बसपा के सतीश सिंह को हराया था। बीजेपी उम्मीदवार अशोक सिंह को 62,179 मत मिले, वहीं बसपा के सतीश कुमार सिंह को 60,895 मत मिले। इस बार राजद के अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे।
वर्ष 2025 विधानसभा के चुनावी रण में पुराने उम्मीदवार आमने सामने हैं। बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से सतीश सिंह और राजद से अजीत सिंह चुनावी जंग में हैं।
क्या होगा चुनाव 2025 में
चुनाव के इस मुहाने पर कैमूर की जनता किसके साथ खड़ी होती है, इस बार देखना दिलचस्प होगा। क्या दल बदलकर जनता के मैंडेट के विरुद्ध जाना उनके लिया नुकसान का कारण बनेगा या नए दल के जातीय समीकरण में जीत का कोई नया रंग देखने को मिलेगा।
कैमूर जिले के चार विधानसभा क्षेत्रकैमूर जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें मोहनिया सीट, भभुआ सीट, चैनपुर और रामगढ़ शामिल हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए यहां शून्य पर आउट हुई थी। राजद ने मोहनिया, भभुआ और रामगढ़ विधानसभा में जीत का परचम लहराया था। केवल एक सीट चैनपुर विधानसभा से बसपा के जमा खान ने जीती थी। बाद में जमा खान ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की और मंत्री बन गए। अब वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव कैमूर में 'बदले रंग' के साथ खेला जा रहा है।
मोहनिया विधानसभा: राजद की विजेता अब बीजेपी की उम्मीदवर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की संगीता देवी ने बीजेपी के निरंजन राम को लगभग 12 हजार मतों के अंतर से हराया था। तब संगीता देवी को 61235 मत मिले और बीजेपी के निरंजन राम को 49181 मत मिले थे।
वर्ष 2025 विधानसभा के जंग में झंडा बदल कर इस बार उम्मीदवार चुनावी रण में शामिल हैं। राजद के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली संगीता देवी इस बार भाजपा के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतरी हुई हैं। संगीता देवी भाग्य की सिकंदर निकली। राजद ने श्वेता सुमन को टिकट दिया था, पर उनका नामांकन ही रद्द कर दिया गया है। लेकिन बाद में राजद के रणनीतिकारों ने पूर्व सांसद छेदी पासवान के पुत्र रविशंकर पासवान को अपना समर्थन दिया है।
भभुआ विधानसभा: विजेता भरत बिंद ने बदला दल
वर्ष 2020 के चुनावी जंग में भभुआ से राजद के भरत बिंद ने लगभग 10 हजार मतों के अंतर से बीजेपी की उम्मीदवार रिकी रानी पांडेय को हराया था। तब भरत बिंद को 57561 मत आया था। बीजेपी की रिंकी रानी पांडेय को 47516 मत मिला था।
वर्ष 2025 विधानसभा के चुनावी जंग में भभुआ की राजनीति का रंग ही बदला बदला है। वर्ष 2020 की चुनावी जंग में राजद से चुनाव जीतने वाले भरत बिंद इस बार भाजपा की टिकट से राजद के वीरेंद्र कुमार सिंह को चुनौती दे रहे हैं।
चैनपुर विधानसभा: जमा खान जदयू में, बिंद अब राजद में
वर्ष 2020 में चैनपुर विधानसभा से बसपा के जमा खान ने बीजेपी के ब्रजकिशोर बिंद को तकरीबन 25 हजार मतों से हराया था। तब जमा खान को 95245 मत मिले थे और ब्रजकिशोर बिंद को 70951 मत मिले थे।
वर्ष 2025 विधानसभा की जंग में गत चुनाव में रनर रहे बीजेपी के ब्रज किशोर बिंद इस बार राजद की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं वर्ष 2020 में बसपा की टिकट से चुनाव लड़ने वाले जमा खान जदयू के सिंबल तीर के सहारे चुनाव जीतने में लगे हैं।
रामगढ़ विधानसभा: उपचुनाव विजेता फिर मैदान मेंवर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा से सुधाकर सिंह ने बसपा के अंबिका यादव को 89 मतों के अंतर से हराया था। तब सुधाकर सिंह को 58083 मत मिले और बसपा के अंबिका यादव को 57894 मत मिला था। बाद में सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद हो गए तो रामगढ़ में उपचुनाव हुए। वर्ष 2024 के उप चुनाव में बीजेपी के अशोक सिंह ने बसपा के सतीश सिंह को हराया था। बीजेपी उम्मीदवार अशोक सिंह को 62,179 मत मिले, वहीं बसपा के सतीश कुमार सिंह को 60,895 मत मिले। इस बार राजद के अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे।
वर्ष 2025 विधानसभा के चुनावी रण में पुराने उम्मीदवार आमने सामने हैं। बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से सतीश सिंह और राजद से अजीत सिंह चुनावी जंग में हैं।
क्या होगा चुनाव 2025 में
चुनाव के इस मुहाने पर कैमूर की जनता किसके साथ खड़ी होती है, इस बार देखना दिलचस्प होगा। क्या दल बदलकर जनता के मैंडेट के विरुद्ध जाना उनके लिया नुकसान का कारण बनेगा या नए दल के जातीय समीकरण में जीत का कोई नया रंग देखने को मिलेगा।
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