बीजापुरः पूरे देशभर में 79वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी कई रंगारंग कार्यक्रम हो रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी देशभक्ति का जश्न देखने को मिला। नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में स्थापित नए सुरक्षा बल कैम्पों और थानों में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
नक्सलवाद की काली छाया से प्रभावित कोण्डापल्ली, वाटेवागु, जिडपल्ली-1, जिडपल्ली-2, काउरगट्टा, कोरचोली, पीड़िया, पुजारीकांकेर, गुंजेपर्ती, गोरना, भीमाराम और गुटुमपल्ली सहित 12 कैम्पों में ग्रामीण, स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि और सुरक्षा बलों के जवानों ने मिलकर तिरंगा फहराया।
सुरक्षाबलों की मौजूदगी से निडरता
कभी नक्सलवाद से घिरे इन इलाकों में स्वतंत्रता दिवस पर सन्नाटा और मौत का साया पसरा रहता था। बंदूक और बारूद के शोर से बच्चों से लेकर बच्चे बुजुर्ग डरे रहते थे। अब सुरक्षाबलों के कैंप बनने से लोगों में हिम्मत आई है। ग्रामीणों और बच्चों ने सुरक्षा बलों के साथ निडर होकर तिरंगा यात्रा निकाली। 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। बच्चों ने जोश के साथ देशभक्ति गीत गाए और नारे लगाए।
15 अगस्त के बाद से बदली बयार
15 अगस्त 2024 के बाद से इन नक्सल प्रभावित इलाकों में 12 नए कैम्पों की स्थापना किए हैं। इनकी स्थापना के बाद से इलाके में सड़क, बिजली, पानी, संचार, राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार आया है।
बच्चों को बांटी मिठाई
ध्वजारोहण के बाद वहां मौजूद सभी ग्रामीणों और बच्चों को मिष्ठान वितरण किया गया। इसके साथ ही सामूहिक भोज के जरिए राष्ट्रीय पर्व का उल्लास सभी ने साझा किया।
नक्सलवाद की काली छाया से प्रभावित कोण्डापल्ली, वाटेवागु, जिडपल्ली-1, जिडपल्ली-2, काउरगट्टा, कोरचोली, पीड़िया, पुजारीकांकेर, गुंजेपर्ती, गोरना, भीमाराम और गुटुमपल्ली सहित 12 कैम्पों में ग्रामीण, स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि और सुरक्षा बलों के जवानों ने मिलकर तिरंगा फहराया।
सुरक्षाबलों की मौजूदगी से निडरता
कभी नक्सलवाद से घिरे इन इलाकों में स्वतंत्रता दिवस पर सन्नाटा और मौत का साया पसरा रहता था। बंदूक और बारूद के शोर से बच्चों से लेकर बच्चे बुजुर्ग डरे रहते थे। अब सुरक्षाबलों के कैंप बनने से लोगों में हिम्मत आई है। ग्रामीणों और बच्चों ने सुरक्षा बलों के साथ निडर होकर तिरंगा यात्रा निकाली। 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। बच्चों ने जोश के साथ देशभक्ति गीत गाए और नारे लगाए।

15 अगस्त के बाद से बदली बयार
15 अगस्त 2024 के बाद से इन नक्सल प्रभावित इलाकों में 12 नए कैम्पों की स्थापना किए हैं। इनकी स्थापना के बाद से इलाके में सड़क, बिजली, पानी, संचार, राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार आया है।
बच्चों को बांटी मिठाई
ध्वजारोहण के बाद वहां मौजूद सभी ग्रामीणों और बच्चों को मिष्ठान वितरण किया गया। इसके साथ ही सामूहिक भोज के जरिए राष्ट्रीय पर्व का उल्लास सभी ने साझा किया।
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