नई दिल्लीः दिल्ली में क्लाउड सीडिंग (Cloud-Seeding) के बाद बारिश नहीं हुई। IIT कानपुर और दिल्ली सरकार ने बताया कि बादलों में उपयुक्त नमी न होने से ऐसा हुआ। इस कारण से आगे ट्रायल रोके गए। लेकिन जो भी ट्रायल हुए, उसमें इन्होंने कई नई जानकारियां मिलने का दावा भी किया है। आईआईटी कानपुर ने कहा कि भले बारिश न हुई हो, लेकिन इस सीडिंग से प्रदूषण में 6-10% तक कमी आई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी ट्रायल में कई इलाकों में प्रदूषक तत्व PM10 में 41.9% तक कमी का दावा किया। इन इलाकों में AQI में भी सुधार बताया।
20-25% नमी में ट्रायल किए जाएंगेमंत्री सिरसा ने कहा कि IIT कानपुर ने सीडिंग के लिए साधारण नमक, रॉक सॉल्ट, सिल्वर आयोडाइड से ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जो कम नमी में भी बारिश करवाने में सक्षम है। इसी वजह से कम नमी में भी ट्रायल किए जा रहे हैं। अभी 15-20% नमी में ट्रायल हुए हैं। आगे 20-25% नमी में ट्रायल किए जाएंगे। इससे हमें कृत्रिम बारिश पर स्पष्ट स्थिति मिलेगी। जब पता चलेगा कि किस नमी में नतीजा अच्छा है तो उसके बाद हम कृत्रिम बारिश को तैयार होंगे। जानकारों का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में बादलों में 20-25% नमी मिलना मुश्किल है। जनवरी-फरवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है।
सरकारी कोशिश पर सियासतक्लाउड सीडिंग की कोशिश पर सियासत भी खूब हुई। विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) ने ट्रायल पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कई एजेसियां कह चुकी है कि मौसम संबंधी कारको से दिल्ली में आर्टिफिशल रेन नहीं हो सकती है, तो इस कवायद की जरूरत क्या थी। जनता का पैसा 'प्रचार वाली गतिविधि' पर खर्च हो रहा है। कांग्रेस की युवा इकाई ने क्लाउड सीडिंग ट्रायल को 'बारिश चोरी' बताया। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि विपक्ष सरकार की सफलताओं से जल रहा है।
...इसलिए क्लाउड सीडिंग से बारिश नहीं
20-25% नमी में ट्रायल किए जाएंगेमंत्री सिरसा ने कहा कि IIT कानपुर ने सीडिंग के लिए साधारण नमक, रॉक सॉल्ट, सिल्वर आयोडाइड से ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जो कम नमी में भी बारिश करवाने में सक्षम है। इसी वजह से कम नमी में भी ट्रायल किए जा रहे हैं। अभी 15-20% नमी में ट्रायल हुए हैं। आगे 20-25% नमी में ट्रायल किए जाएंगे। इससे हमें कृत्रिम बारिश पर स्पष्ट स्थिति मिलेगी। जब पता चलेगा कि किस नमी में नतीजा अच्छा है तो उसके बाद हम कृत्रिम बारिश को तैयार होंगे। जानकारों का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में बादलों में 20-25% नमी मिलना मुश्किल है। जनवरी-फरवरी तक इंतजार करना पड़ सकता है।
सरकारी कोशिश पर सियासतक्लाउड सीडिंग की कोशिश पर सियासत भी खूब हुई। विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) ने ट्रायल पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कई एजेसियां कह चुकी है कि मौसम संबंधी कारको से दिल्ली में आर्टिफिशल रेन नहीं हो सकती है, तो इस कवायद की जरूरत क्या थी। जनता का पैसा 'प्रचार वाली गतिविधि' पर खर्च हो रहा है। कांग्रेस की युवा इकाई ने क्लाउड सीडिंग ट्रायल को 'बारिश चोरी' बताया। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि विपक्ष सरकार की सफलताओं से जल रहा है।
...इसलिए क्लाउड सीडिंग से बारिश नहीं
- IIT कानपुर ने कहा कि बादलों में नमी की कमी से बारिश नहीं हुई, लेकिन प्रदूषक तत्व 6-10% तक घटे।
- 23 अक्टूबर को दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का एक ट्रायल हुआ। 28 अक्टूबर को दो ट्रायल हुए थे।
- 300 वर्ग किमी के दायरे में क्लाउड सीडिंग हुई। अभी 15-20% नमी मे ट्रायल हुए। 20-25% नमी में आगे होने हैं।
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