रायगढ़ः छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के जंगल से एक दिल को छून लेने वाली खबर सामने आई। यहां मानव और जंगली हाथियों के बीच संचार का दुर्लभ और ह्रदयस्पर्शी नजारा देखने को मिली है। इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है। यहां के 'हाथी मित्र दल' के एक सदस्य प्रकाश भगत ने जंगली हाथियों के झुंड को सिर्फ अपनी आवाज़ से जंगल में वापस भेज दिया। यह सब एक वीडियो में कैद हुआ है। उनकी बात सुनकर 15 हाथियों का दल रास्ता छोड़ जंगल की तरफ वापस चले गए।
दरअसल, हाथियों के झुंड को प्यार से जंगल की तरफ भेजने का मामला रायगढ़ जिले के छाल वन रेंज गड़ैनबहरी और औरानारा गांवों का है। यहां जंगलों में घूम रहा हाथियों का झुंड भटकते हुए सड़क के करीब आ गया। उन पर नजर रख रहे हाथी मित्र दल ने सम्मानजनक दूरी बनाए रखी और जंगल में जाने के लिए शांत निर्देशों का उपयोग किया।
हाथियों को मानव की बात सुनते लोग हुए हैरान
हाथी मित्र दल के एक सदस्य प्रकाश भगत ने हाथियों से प्यार से कहते हैं कि 'जाओ, जाओ… आगे बढ़ो, जाओ बाबू, जंगल में जाओ… रोड पे खड़े नहीं होते, अच्छे बच्चे होना!' और हैरानी की बात यह है कि हाथी उनकी बात सुनकर 15 हाथियों के झुंड में शामिल सबसे छोटा बच्चा चिंघाड़ता है। फिर शांत होकर जंगल में चले जाते हैं। इस नजारे ने सबको हैरान कर दिया।
पहली बार कैद हुआ दुर्लभ नजारा
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा यह पहला मौका है जब ऐसी घटना कैमरे में कैद हुई है। प्रकाश भगत बताते हैं कि ऐसा पहले भी हुआ है, जब उन्होंने किसी बीमार हाथी को इलाज के लिए आवाज़ दी तो वह खुद जंगल से बाहर आ गया। उनका कहना है कि प्यार से और थोड़ी सी सख्ती से बात करने पर हाथी समझ जाते हैं।
किशोरों की तरह होते हैं हाथी
प्रकाश भगत ने यह भी बताया कि आमतौर पर युवा हाथी, जो किशोरों की तरह होते हैं, थोड़ी सी भी छेड़छाड़ पर आक्रामक हो जाते हैं। लेकिन बाकी समय में हाथी शांतिपूर्ण जानवर होते हैं। यह घटना इस बात का सबूत है कि जंगली जानवरों को समझने और उनके साथ प्यार से पेश आने पर वे भी इंसानों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं। यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि प्रकृति और इंसान के बीच एक खूबसूरत रिश्ते की मिसाल है, जो हमें सिखाता है कि कभी-कभी जंगल को जीतने की नहीं, बल्कि समझने की ज़रूरत होती है।
राज्य के हाथी व्यवहार विशेषज्ञ नितिन सिंहवी ने इस घटना को 'जलती हुई मिसाल' बताया है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो इस पर और शोध होना चाहिए। साथ ही, दूसरे हाथी मित्र दलों को भी ऐसे जंगली हाथियों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। सिंहवी के मुताबिक, यह सब इंसान और हाथी के बीच बने भरोसे पर निर्भर करता है।
प्रदेश में मानव हाथी द्वंद पुरानी समस्या है
छत्तीसगढ़ में इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष एक पुरानी समस्या है। इस वजह से सैकड़ों लोग, हाथी और उनके बच्चे मारे जा चुके हैं। हाथियों को अक्सर 'आतंकी' और खूंखार समझा जाता है, लेकिन इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे शांत स्वभाव, धैर्य और प्यार से बात करके उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। वे सिर्फ आवाज़ के लहजे और इंसान के व्यवहार को समझते हैं।
दरअसल, हाथियों के झुंड को प्यार से जंगल की तरफ भेजने का मामला रायगढ़ जिले के छाल वन रेंज गड़ैनबहरी और औरानारा गांवों का है। यहां जंगलों में घूम रहा हाथियों का झुंड भटकते हुए सड़क के करीब आ गया। उन पर नजर रख रहे हाथी मित्र दल ने सम्मानजनक दूरी बनाए रखी और जंगल में जाने के लिए शांत निर्देशों का उपयोग किया।
हाथियों को मानव की बात सुनते लोग हुए हैरान
हाथी मित्र दल के एक सदस्य प्रकाश भगत ने हाथियों से प्यार से कहते हैं कि 'जाओ, जाओ… आगे बढ़ो, जाओ बाबू, जंगल में जाओ… रोड पे खड़े नहीं होते, अच्छे बच्चे होना!' और हैरानी की बात यह है कि हाथी उनकी बात सुनकर 15 हाथियों के झुंड में शामिल सबसे छोटा बच्चा चिंघाड़ता है। फिर शांत होकर जंगल में चले जाते हैं। इस नजारे ने सबको हैरान कर दिया।
पहली बार कैद हुआ दुर्लभ नजारा
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा यह पहला मौका है जब ऐसी घटना कैमरे में कैद हुई है। प्रकाश भगत बताते हैं कि ऐसा पहले भी हुआ है, जब उन्होंने किसी बीमार हाथी को इलाज के लिए आवाज़ दी तो वह खुद जंगल से बाहर आ गया। उनका कहना है कि प्यार से और थोड़ी सी सख्ती से बात करने पर हाथी समझ जाते हैं।
किशोरों की तरह होते हैं हाथी
प्रकाश भगत ने यह भी बताया कि आमतौर पर युवा हाथी, जो किशोरों की तरह होते हैं, थोड़ी सी भी छेड़छाड़ पर आक्रामक हो जाते हैं। लेकिन बाकी समय में हाथी शांतिपूर्ण जानवर होते हैं। यह घटना इस बात का सबूत है कि जंगली जानवरों को समझने और उनके साथ प्यार से पेश आने पर वे भी इंसानों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं। यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि प्रकृति और इंसान के बीच एक खूबसूरत रिश्ते की मिसाल है, जो हमें सिखाता है कि कभी-कभी जंगल को जीतने की नहीं, बल्कि समझने की ज़रूरत होती है।
राज्य के हाथी व्यवहार विशेषज्ञ नितिन सिंहवी ने इस घटना को 'जलती हुई मिसाल' बताया है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो इस पर और शोध होना चाहिए। साथ ही, दूसरे हाथी मित्र दलों को भी ऐसे जंगली हाथियों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। सिंहवी के मुताबिक, यह सब इंसान और हाथी के बीच बने भरोसे पर निर्भर करता है।
प्रदेश में मानव हाथी द्वंद पुरानी समस्या है
छत्तीसगढ़ में इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष एक पुरानी समस्या है। इस वजह से सैकड़ों लोग, हाथी और उनके बच्चे मारे जा चुके हैं। हाथियों को अक्सर 'आतंकी' और खूंखार समझा जाता है, लेकिन इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे शांत स्वभाव, धैर्य और प्यार से बात करके उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। वे सिर्फ आवाज़ के लहजे और इंसान के व्यवहार को समझते हैं।
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