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क्या चांद पर माइनिंग की राह खुलने वाली है? इसरो की इस तस्वीर ने जगा दी 'गेमचेंजर' उम्मीद, जानें क्या है मायने

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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को चंद्रयान-2 से जुड़ी अहम जानकारी दी। इसरो ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर में दो गोलाकार आकृतियां नजर आ रही हैं। इसके साथ ही इसरो ने लिखा कि ISRO ने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों को और अच्छे से समझने के लिए चंद्रयान-2 लूनर ऑर्बिटर से एडवांस्ड डेटा प्रोडक्ट्स बनाए हैं। इनमें चांद की सतह की फिजिकल और डाइइलेक्ट्रिक प्रॉपर्टीज बताने वाले जरूरी पैरामीटर्स शामिल हैं। यह चांद की भविष्य में होने वाली ग्लोबल खोज में भारत का एक बड़ा योगदान है। इसरो की पोस्ट के बाद लोगों ने चंद्रमा पर माइनिंग के संबंध में उम्मीद से भरे कई सवाल पूछने शुरू कर दिए।

इसरो की पोस्ट के मायने क्या हैं?
ये एडवांस्ड डेटा प्रोडक्ट्स चांद के ध्रुवीय क्षेत्रों के बारे में पहली जानकारी इकट्ठा करने के लिहाज से बहुत ज़रूरी हैं। माना जाता है कि इन इलाकों में सोलर सिस्टम की शुरुआती केमिकल कंडीशन सुरक्षित हैं, जो ग्रहों की बॉडीज के इवोल्यूशन के कई पहलुओं को समझाने के लिए अहम सुराग हैं।



इसरो ने इस संबंध में कहा है कि चांद के ध्रुवीय क्षेत्रों पर इस तरह के रेडी-टू-यूज डेटा प्रोडक्ट्स की हमेशा से जरूरत रही है, क्योंकि यह भविष्य में चांद की खोज के लिए पोलर इलाकों की खासियत बताने के लिए पूरी जानकारी देगा। ये प्रोडक्ट्स चांद पर मिनरल्स के डिस्ट्रीब्यूशन की स्टडी करने में हाइपरस्पेक्ट्रल डेटा के पूरक हैं।


चंद्रमा के सतह की जानकारी
पोलर मोजाइक में मुख्य रडार पैरामीटर शामिल हैं जो चंद्रमा की सतह और सबसर्फेस की फिजिकल और इलेक्ट्रिकल (डाइइलेक्ट्रिक) विशेषताओं को दिखाते हैं। पैरामीटर्स में शामिल हैं:
  • सर्कुलर पोलराइज़ेशन रेश्यो (CPR): पानी की बर्फ की संभावित मौजूदगी का इंडिकेटर।
  • सिंगल बाउंस आइगेनवैल्यू रिलेटिव डिफरेंस (SERD): सतह की खुरदरेपन को दिखाता है।
  • T-रेश्यो: मटीरियल के डाइइलेक्ट्रिक कॉन्स्टेंट से संबंधित।
  • पोलरिमेट्रिक डीकंपोजिशन कंपोनेंट्स: अलग-अलग तरह की रडार स्कैटरिंग (ऑड, ईवन, वॉल्यूम, हेलिक्स) दिखाते हैं।

लोगों की जगी उम्मीद
इसरो की पोस्ट पर लोगों ने कई तरह के सवाल करने शुरू कर दिए। एक यूजर @Tweet_KP ने लिखा कि क्या इससे किसी भी तरह से चांद पर माइनिंग का रास्ता खुलेगा? क्या यह ISRO के रडार पर है? वहीं, एक अन्य यूजर @BratDotAI ने लिखा कि यह बहुत बढ़िया है इसरो! चांद के दक्षिणी ध्रुव के डाइइलेक्ट्रिक कांस्टेंट और खुरदरेपन की मैपिंग करने से छिपी हुई पानी की बर्फ के बारे में राज खुल सकते हैं, यह भविष्य के रहने की जगहों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है!
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