भीलवाड़ा: राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और एसडीएम छोटूलाल शर्मा को भीलवाड़ा में सीएनजी पंप पर थप्पड़कांड के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। कार्मिक विभाग ने गुरुवार देर रात आदेश जारी किया। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय जयपुर सचिवालय में रहेगा। यह कार्रवाई तब हुई जब सीएनजी पंप पर हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और मामले में लगातार नए खुलासे सामने आए। अब उनके साथ कथित पत्नी पर सवाल उठे हैं।
‘फर्जी पत्नी’ दीपिका व्यास की शिकायत से नया खुलासा
घटना के बाद दीपिका व्यास नाम की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने खुद को एसडीएम की पत्नी बताया। दीपिका ने आरोप लगाया कि पंपकर्मी ने उसे घूरा, आंख मारी और अभद्र टिप्पणी की, जिससे एसडीएम नाराज होकर बहस में उलझ गए। लेकिन जांच में पता चला कि दीपिका एसडीएम की कानूनी पत्नी नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, एसडीएम की असली पत्नी पूनम शर्मा हैं, जो पति से अलग रह रही हैं और उन्होंने पहले भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पेट्रोल पंप पर हुआ था विवाद, कर्मी को मारा थप्पड़
दीपिका व्यास की शिकात के बाद 21 अक्टूबर की इस घटना पर रायला थाना पुलिस ने जसवंतपुरा स्थित पेट्रोल पंप पर कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। घटना के अनुसार दोपहर करीब 3:43 बजे एसडीएम छोटूलाल शर्मा अपनी कार से पंप पर पहुंचे। उनके पीछे एक और कार आई थी। पंपकर्मी ने पहले पीछे आई गाड़ी में सीएनजी भरनी शुरू कर दी, जिससे एसडीएम नाराज हो गए। उन्होंने गुस्से में पंपकर्मी को थप्पड़ जड़ दिया। इसके जवाब में पंपकर्मी ने भी एसडीएम को चांटा मार दिया। घटना के बाद पुलिस ने तीन कर्मचारियों, दीपक माली, प्रभुलाल कुमावत और राजा शर्मा को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
छोटूलाल अतीत में भी रहे विवादों में घिरे
एसडीएम छोटूलाल शर्मा का करियर कई विवादों से घिरा रहा है। उन्हें अब तक तीन बार पद से हटाया जा चुका है। साल 2017 में पंचायत समिति अधिकारी से विवाद के बाद उन्हें ट्रांसफर किया गया था। उसी वर्ष खनन गतिविधियों में अनियमितता को लेकर कार्रवाई हुई थी। 2018 में टोंक में तैनाती के दौरान उन पर चपरासी से रिश्वत की रकम लेकर भागने पर हमला करने का आरोप लगा था, जिसके बाद वहां भी विरोध प्रदर्शन हुए थे। भीलवाड़ा पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रशासन ने सीएनजी पंप विवाद, शिकायत और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े पहलुओं की भी जांच शुरू कर दी है। एसडीएम का सस्पेंशन इस विवाद का पहला बड़ा प्रशासनिक एक्शन माना जा रहा है।
‘फर्जी पत्नी’ दीपिका व्यास की शिकायत से नया खुलासा
घटना के बाद दीपिका व्यास नाम की महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने खुद को एसडीएम की पत्नी बताया। दीपिका ने आरोप लगाया कि पंपकर्मी ने उसे घूरा, आंख मारी और अभद्र टिप्पणी की, जिससे एसडीएम नाराज होकर बहस में उलझ गए। लेकिन जांच में पता चला कि दीपिका एसडीएम की कानूनी पत्नी नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, एसडीएम की असली पत्नी पूनम शर्मा हैं, जो पति से अलग रह रही हैं और उन्होंने पहले भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पेट्रोल पंप पर हुआ था विवाद, कर्मी को मारा थप्पड़
भीलवाड़ा के जसवंतपुरा में एसडीएम छोटू लाल शर्मा ने पेट्रोल पंप कर्मचारी को थप्पड़ मारा, जवाब में कर्मचारी ने भी पलटवार किया। वायरल हुआ #CCTV फुटेज, पुलिस ने तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। #भीलवाड़ा #SDMControversy #राजस्थानसमाचार #ViralVideo #BreakingNews pic.twitter.com/UVoKxTHLlP
— राजस्थानी पत्रकार (@RajasthanJourno) October 22, 2025
दीपिका व्यास की शिकात के बाद 21 अक्टूबर की इस घटना पर रायला थाना पुलिस ने जसवंतपुरा स्थित पेट्रोल पंप पर कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। घटना के अनुसार दोपहर करीब 3:43 बजे एसडीएम छोटूलाल शर्मा अपनी कार से पंप पर पहुंचे। उनके पीछे एक और कार आई थी। पंपकर्मी ने पहले पीछे आई गाड़ी में सीएनजी भरनी शुरू कर दी, जिससे एसडीएम नाराज हो गए। उन्होंने गुस्से में पंपकर्मी को थप्पड़ जड़ दिया। इसके जवाब में पंपकर्मी ने भी एसडीएम को चांटा मार दिया। घटना के बाद पुलिस ने तीन कर्मचारियों, दीपक माली, प्रभुलाल कुमावत और राजा शर्मा को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
छोटूलाल अतीत में भी रहे विवादों में घिरे
एसडीएम छोटूलाल शर्मा का करियर कई विवादों से घिरा रहा है। उन्हें अब तक तीन बार पद से हटाया जा चुका है। साल 2017 में पंचायत समिति अधिकारी से विवाद के बाद उन्हें ट्रांसफर किया गया था। उसी वर्ष खनन गतिविधियों में अनियमितता को लेकर कार्रवाई हुई थी। 2018 में टोंक में तैनाती के दौरान उन पर चपरासी से रिश्वत की रकम लेकर भागने पर हमला करने का आरोप लगा था, जिसके बाद वहां भी विरोध प्रदर्शन हुए थे। भीलवाड़ा पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रशासन ने सीएनजी पंप विवाद, शिकायत और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े पहलुओं की भी जांच शुरू कर दी है। एसडीएम का सस्पेंशन इस विवाद का पहला बड़ा प्रशासनिक एक्शन माना जा रहा है।
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