साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण जल्द ही आरंभ होने जा रहा है। आज रात में 9 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण आरंभ हो जाएगा। धार्मिक दृष्टि से यह ग्रहण कई मायनों में बहुत ही खास होने वाला है। दरअसल, यह ग्रहण शनि की राशि कुंभ में लग रहा है। साथ ही भारत के लगभग सभी शहरों में यह दृश्य जल्द ही नजर आने वाला है। भारत के अलावा कई और देशों में भी यह ग्रहण दिखाई देगा। पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, यूरोप,न्यूजीलैंड, अमेरिका के कई शहरों में दिखाई देगा। जबकि भारत के शहरों में अलग-अलग समय पर आप चंद्रग्रहण को जल्द ही देख पाएंगे। आइए जानते हैं भारत के किस शहर में कब दिखाई देगा यह पूर्ण चंद्रग्रहण।
भारत के किन शहरों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 2025?
यह चंद्रग्रहण दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर,लखनऊ, मुंबई, पुणे, कोच्चि, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, गुवाहटी, नागपुर, रायपुर, भोपाल, भुवनेश्वर में दिखाई देगा। भारत में इन सभी शहरों में चंद्रग्रहण रात में 9 बजकर 57 मिनट पर दिखाई देगा और मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा और इन सभी शहरों में चंद्रग्रहण प्रमुख रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
चंद्रग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्रग्रहण जब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जा जाती है और चंद्रमा का रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। जबकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस समय समुद्र मंथन चल रहा था उस समय अमृत कलश निकला था। जिसे लेकर असुरों और देवताओं के बीच लड़ाई हुई। इसके बाद भगवान विष्णु ने सभी को अमृत बांटा और इस दौरान स्वरभानु नाम का राक्षस देवताओं के साथ आकर बैठ गया और धोखे से उनसे अमृत की कुछ बूंदें पी ली। लेकिन, सूर्य और चंद्रमा ने उसे ऐसा करते देख लिया और भगवान विष्णु को बता दिया तुरंत भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र चलाकर उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी और तब दो असुर राहु और केतु का जन्म हुआ। तभी से राहु केतु सूर्य और चंद्रमा से दुश्मनी रखते हैं और समय समय पर ग्रहण लगाते हैं।
भारत के किन शहरों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 2025?
यह चंद्रग्रहण दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर,लखनऊ, मुंबई, पुणे, कोच्चि, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, गुवाहटी, नागपुर, रायपुर, भोपाल, भुवनेश्वर में दिखाई देगा। भारत में इन सभी शहरों में चंद्रग्रहण रात में 9 बजकर 57 मिनट पर दिखाई देगा और मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा और इन सभी शहरों में चंद्रग्रहण प्रमुख रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
चंद्रग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्रग्रहण जब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जा जाती है और चंद्रमा का रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। जबकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस समय समुद्र मंथन चल रहा था उस समय अमृत कलश निकला था। जिसे लेकर असुरों और देवताओं के बीच लड़ाई हुई। इसके बाद भगवान विष्णु ने सभी को अमृत बांटा और इस दौरान स्वरभानु नाम का राक्षस देवताओं के साथ आकर बैठ गया और धोखे से उनसे अमृत की कुछ बूंदें पी ली। लेकिन, सूर्य और चंद्रमा ने उसे ऐसा करते देख लिया और भगवान विष्णु को बता दिया तुरंत भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र चलाकर उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी और तब दो असुर राहु और केतु का जन्म हुआ। तभी से राहु केतु सूर्य और चंद्रमा से दुश्मनी रखते हैं और समय समय पर ग्रहण लगाते हैं।
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