वॉशिंगटन: अमेरिकी संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा है कि अमेरिका, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का पूरा समर्थन करेगा। उन्होंने भारत को कई मायनों में अमेरिका का "बहुत महत्वपूर्ण" साथी बताया है। अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में सोमवार को एक ब्रीफिंग में जॉनसन ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर भी बात की और उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता कामयाब होगी। अमेरिकी संसद के स्पीकर से कार्यक्रम के दौरान पूछा गया था कि दशकों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहे भारत के लिए उनका क्या संदेश है?इस सवाल पर माइक जॉनसन ने कहा, "देखिए, हमें वहां जो हो रहा है उससे बहुत सहानुभूति है और हम अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना चाहते हैं। मुझे लगता है कि भारत कई मायनों में हमारा एक बहुत महत्वपूर्ण भागीदार है। मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता अच्छी तरह से आगे बढ़ेगी। किसी ने मुझसे टैरिफ के बारे में नहीं पूछा, लेकिन मुझे खुशी है। लेकिन यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण रिश्ता है और इतना बड़ा देश है। भारत को भी वहां आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा।" क्या स्पीकर का बयान ग्रीन सिग्नल माना जाए?अमेरिकी स्पीकर से पहले अमेरिका की इंटेलिजेंस चीफ तुलसी गबार्ड, एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल भी आतंकवाद के खिलाफ भारत का पूरी तरह से साथ देने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं अब स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा है कि "हम अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। और मुझे लगता है कि यह सब इस रिश्ते का हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन स्पष्ट रूप से उस रिश्ते के महत्व को समझता है और आतंकवाद के खतरे के महत्व को भी समझता है। इसलिए मुझे लगता है कि अगर वह खतरा बढ़ता है, तो मुझे लगता है कि आप ट्रंप प्रशासन को खड़ा देखेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "मेरा मानना है कि वे उस खतरे से निपटने में मदद करने के लिए ज्यादा ऊर्जा, संसाधन और समय के साथ मदद करेंगे, निश्चित रूप से हमारी यही उम्मीद है।" अमेरिकी स्पीकर ने खास तौर पर संसाधन का जिक्र किया, जिसका मतलब हथियारों से होने की संभावना है। आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को समर्थन दिया है। इससे पहले 30 अप्रैल को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने की संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया था। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान में कहा था कि "विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आज भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से बात की। सचिव ने पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों के लिए दुख व्यक्त किया, और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने की संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया।"आपको बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद 23 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और जम्मू और कश्मीर में एक आतंकवादी हमले में जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की थी। ट्रंप ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और इस "घिनौने हमले" के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही थी।
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