पटना/नालंदा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लगातार हो रही घोषणाओं का लिटमस टेस्ट उनके गृह क्षेत्र नालंदा में होने जा रहा है। सवाल उठ रहा है क्या मुफ्त बिजली का प्रभाव नालंदा में जाति से ऊपर उठ कर वोटिंग की नजीर स्थापित करेगा? क्या एनडीए के उम्मीदवार बड़े वोट प्रतिशत के साथ जीत दर्ज कर सकेंगे? क्या इस बार नालंदा का चुनावी समर 7 बनाम शून्य पर बंद होगा? हालांकि एक बात हमेशा कही जाती है कि नालंदा की किसी भी सीट पर चुनाव में चाहे NDA का कोई भी उम्मीदवार खड़ा हो, चुनाव तो नीतीश ही लड़ते हैं। समझिए 7 सीटों का पूरा समीकरण यहां..
नालंदा जिला और सात विधानसभा सीटों का गुणा-भाग
नालंदा जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। इन सात विधानसभा में छह पर एनडीए और एक पर राजद के विधायक हैं। NDA के हिस्से में अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, हिलसा, नालंदा और हरनौत तो राजद ने इस्लामपुर विधानसभा से जीत दर्ज की है। बीजेपी के पास बिहारशरीफ तो जदयू की जीती हुई पांच सीटों में अस्थावां, राजगीर, हिलसा, नालंदा और हरनौत शामिल हैं। चलिए जानते है किस रणनीति के साथ NDA और महागठबंधन के उम्मीदवार आमने सामने हैं?इन सीटों में कहीं कोई तीसरा फैक्टर भी बन रहा है?
पहली सीट- अस्थावां विधासनसभा
2020 की चुनावी जंग में जदयू के जितेंद्र कुमार ने राजद के अनिल कुमार को हराया था। तब जदयू के जितेंद्र कुमार को 51,525 वोट मिले थे और राजद के अनिल कुमार को 39,925 मत मिले थे। राजद के अनिल कुमार को 11,600 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब 2025 में राजद ने 2020 विधानसभा चुनाव में नालंदा की हारी हुई जंग को जीतने नए उम्मीदवार उतारे हैं। राजद ने इस बार अनिल कुमार के बदले रवि रंजन को चुनावी जंग में उतारा है। जदयू ने सीटिंग विधायक डॉ जितेंद्र कुमार को ही मौका दिया है।
दूसरी सीट- राजगीर विधानसभा
राजगीर विधानसभा सीट की चुनावी जंग भी जदयू ने जीती थी। जदयू के कौशल किशोर ने राजद के रवि ज्योति को 16,048 वोटों से परास्त किया था। तब जदयू के उम्मीदवार को
67,191 वोट मिले थे और राजद के रवि ज्योति को 51,143 वोट मिले थे। 2025 के चुनाव में जदयू ने सीटिंग विधायक कौशल किशोर को ही सीट जीत कर लाने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन राजद नेतृत्व ने ये सीट सीपीआई को दे दी है। सीपीई ने सीटिंग विधायक कौशल किशोर को हराने की जिम्मेदारी विश्वनाथ चौधरी को दी है।
तीसरी सीट- बिहारशरीफ विधानसभा
2020 विधानसभा की चुनावी जंग भी जदयू ने जीती थी। तब जदयू के सुनील कुमार को 81,888 वोट मिले थे और राजद के सुनील कुमार को 66,786 मत। राजद उम्मीदवार सुनील कुमार को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। बिहारशरीफ विधानसभा की जंग इस बार एक अलग रंग में सामने आई है। महागठबंधन की कलह सतह पर है। जदयू ने तो डॉ सुनील कुमार को फिर से चुनावी जंग में उतारा है। लेकिन महागठबंधन का यहां दोस्ताना संघर्ष दिख रहा है। सीपीआई ने शिव कुमार को तो कांग्रेस ने उमेश कुमार को खड़ा किया है। इस दोस्ताना संघर्ष का नतीजे पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखना शेष है।
चौथी सीट- हिलसा विधानसभा
हिलसा सीट पर 2020 का चुनावी जंग कांटे की टक्कर जैसी थी। तब जदयू के कृष्ण मुरारी शरण को राजद के शक्ति सिंह यादव से कड़ी टक्कर मिली थी। जदयू के कृष्ण मुरारी 61,848 वोट लाए थे राजद के प्रत्याशी शक्ति सिंह यादव को 61,836 वोट मिले थे। यानी सिर्फ 12 वोटों के अंतर से शक्ति यादव सदन का चेहरा बतौर विधायक नहीं देख सके। हिलसा की जंग इस बार काफी रोचक होने जा रही है। जदयू के कृष्ण मुरारी शरण की टक्कर पुराने उम्मीदवार शक्ति सिंह से ही होनी है।
पांचवी सीट- नालंदा विधानसभा
नालंदा विधानसभा की जंग वर्ष 2020 में जदयू से मंत्री रहे श्रवण कुमार ने जीती थी। जदयू नेता श्रवण कुमार को 66,066 वोट मिले तो जनतांत्रिक विकास पार्टी के कौशलेंद्र कुमार को 49,989 मत मिले थे। कांग्रेस के गुंजन पटेल तीसरे नंबर पर रहे थे और लोजपा चौथे नंबर पर थी। यहां भी चुनावी रंग बदलते हुए अब कांग्रेस के बजाए राजद ने उम्मीदवार उतारा है। 2020 की जंग में जनतांत्रिक विकास पार्टी से उतरे कौशलेंद्र कुमार इस बार राजद के झंडे तले जदयू के मंत्री श्रवण कुमार को चुनौती देने उतरे हैं।
छठी सीट- हरनौत विधानसभा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के हरि नारायण सिंह ने लोजपा की ममता देवी को हराया था। तब हरिनारायण सिंह को 65,404 वोट मिले थे तो लोजपा की ममता देवी को 38,163 वोट मिले थे। कांग्रेस के कुंदन कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें लगभग 21 हजार वोट मिले थे। 27,241 के अंतर से हरिनारायण सिंह ने जीत की मजबूत नींव रखी, उसी नींव को तोड़ने की कोशिश में इस बार कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल कर अरविंद बिंद को चुनावी जंग में उतारा है। इस बार लोजपा हरनौत की चुनावी जंग से बाहर है।
सातवीं सीट- इस्लामपुर विधानसभा
नालंदा जिले के चुनावी रण में केवल इस्लामपुर विधानसभा ही एक सीट थी जहां राजद ने जीत हासिल की थी। 2020 के चुनावी समर में राजद के राकेश रौशन को 68,088 वोट मिले थे जबकि जदयू के चंद्रसेन प्रसाद को 64,390 मत मिले थे। अब सवाल ये भी है कि क्या 2025 की चुनावी जंग में लगभग 4 हजार मतों के अंतर को पार कर NDA सात बनाम शून्य का रिकॉर्ड बनाएगी? वैसे जदयू ने राकेश रौशन के मुकाबले में उम्मीदवार बदल कर रुहैल रंजन को उतारा है।
नालंदा जिला और सात विधानसभा सीटों का गुणा-भाग
नालंदा जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। इन सात विधानसभा में छह पर एनडीए और एक पर राजद के विधायक हैं। NDA के हिस्से में अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, हिलसा, नालंदा और हरनौत तो राजद ने इस्लामपुर विधानसभा से जीत दर्ज की है। बीजेपी के पास बिहारशरीफ तो जदयू की जीती हुई पांच सीटों में अस्थावां, राजगीर, हिलसा, नालंदा और हरनौत शामिल हैं। चलिए जानते है किस रणनीति के साथ NDA और महागठबंधन के उम्मीदवार आमने सामने हैं?इन सीटों में कहीं कोई तीसरा फैक्टर भी बन रहा है?
पहली सीट- अस्थावां विधासनसभा
2020 की चुनावी जंग में जदयू के जितेंद्र कुमार ने राजद के अनिल कुमार को हराया था। तब जदयू के जितेंद्र कुमार को 51,525 वोट मिले थे और राजद के अनिल कुमार को 39,925 मत मिले थे। राजद के अनिल कुमार को 11,600 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब 2025 में राजद ने 2020 विधानसभा चुनाव में नालंदा की हारी हुई जंग को जीतने नए उम्मीदवार उतारे हैं। राजद ने इस बार अनिल कुमार के बदले रवि रंजन को चुनावी जंग में उतारा है। जदयू ने सीटिंग विधायक डॉ जितेंद्र कुमार को ही मौका दिया है।
दूसरी सीट- राजगीर विधानसभा
राजगीर विधानसभा सीट की चुनावी जंग भी जदयू ने जीती थी। जदयू के कौशल किशोर ने राजद के रवि ज्योति को 16,048 वोटों से परास्त किया था। तब जदयू के उम्मीदवार को
67,191 वोट मिले थे और राजद के रवि ज्योति को 51,143 वोट मिले थे। 2025 के चुनाव में जदयू ने सीटिंग विधायक कौशल किशोर को ही सीट जीत कर लाने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन राजद नेतृत्व ने ये सीट सीपीआई को दे दी है। सीपीई ने सीटिंग विधायक कौशल किशोर को हराने की जिम्मेदारी विश्वनाथ चौधरी को दी है।
तीसरी सीट- बिहारशरीफ विधानसभा
2020 विधानसभा की चुनावी जंग भी जदयू ने जीती थी। तब जदयू के सुनील कुमार को 81,888 वोट मिले थे और राजद के सुनील कुमार को 66,786 मत। राजद उम्मीदवार सुनील कुमार को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। बिहारशरीफ विधानसभा की जंग इस बार एक अलग रंग में सामने आई है। महागठबंधन की कलह सतह पर है। जदयू ने तो डॉ सुनील कुमार को फिर से चुनावी जंग में उतारा है। लेकिन महागठबंधन का यहां दोस्ताना संघर्ष दिख रहा है। सीपीआई ने शिव कुमार को तो कांग्रेस ने उमेश कुमार को खड़ा किया है। इस दोस्ताना संघर्ष का नतीजे पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखना शेष है।
चौथी सीट- हिलसा विधानसभा
हिलसा सीट पर 2020 का चुनावी जंग कांटे की टक्कर जैसी थी। तब जदयू के कृष्ण मुरारी शरण को राजद के शक्ति सिंह यादव से कड़ी टक्कर मिली थी। जदयू के कृष्ण मुरारी 61,848 वोट लाए थे राजद के प्रत्याशी शक्ति सिंह यादव को 61,836 वोट मिले थे। यानी सिर्फ 12 वोटों के अंतर से शक्ति यादव सदन का चेहरा बतौर विधायक नहीं देख सके। हिलसा की जंग इस बार काफी रोचक होने जा रही है। जदयू के कृष्ण मुरारी शरण की टक्कर पुराने उम्मीदवार शक्ति सिंह से ही होनी है।
पांचवी सीट- नालंदा विधानसभा
नालंदा विधानसभा की जंग वर्ष 2020 में जदयू से मंत्री रहे श्रवण कुमार ने जीती थी। जदयू नेता श्रवण कुमार को 66,066 वोट मिले तो जनतांत्रिक विकास पार्टी के कौशलेंद्र कुमार को 49,989 मत मिले थे। कांग्रेस के गुंजन पटेल तीसरे नंबर पर रहे थे और लोजपा चौथे नंबर पर थी। यहां भी चुनावी रंग बदलते हुए अब कांग्रेस के बजाए राजद ने उम्मीदवार उतारा है। 2020 की जंग में जनतांत्रिक विकास पार्टी से उतरे कौशलेंद्र कुमार इस बार राजद के झंडे तले जदयू के मंत्री श्रवण कुमार को चुनौती देने उतरे हैं।
छठी सीट- हरनौत विधानसभा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू के हरि नारायण सिंह ने लोजपा की ममता देवी को हराया था। तब हरिनारायण सिंह को 65,404 वोट मिले थे तो लोजपा की ममता देवी को 38,163 वोट मिले थे। कांग्रेस के कुंदन कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें लगभग 21 हजार वोट मिले थे। 27,241 के अंतर से हरिनारायण सिंह ने जीत की मजबूत नींव रखी, उसी नींव को तोड़ने की कोशिश में इस बार कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल कर अरविंद बिंद को चुनावी जंग में उतारा है। इस बार लोजपा हरनौत की चुनावी जंग से बाहर है।
सातवीं सीट- इस्लामपुर विधानसभा
नालंदा जिले के चुनावी रण में केवल इस्लामपुर विधानसभा ही एक सीट थी जहां राजद ने जीत हासिल की थी। 2020 के चुनावी समर में राजद के राकेश रौशन को 68,088 वोट मिले थे जबकि जदयू के चंद्रसेन प्रसाद को 64,390 मत मिले थे। अब सवाल ये भी है कि क्या 2025 की चुनावी जंग में लगभग 4 हजार मतों के अंतर को पार कर NDA सात बनाम शून्य का रिकॉर्ड बनाएगी? वैसे जदयू ने राकेश रौशन के मुकाबले में उम्मीदवार बदल कर रुहैल रंजन को उतारा है।





