नई दिल्ली : मुखर्जी नगर में बने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के सभी फ्लैट्स खाली हो चुके हैं। डीडीए ने इस अपार्टमेंट का पूरा पजेशन ले लिया है। इसके साथ ही इस अपार्टमेंट के सभी 12 टावरों को तोड़कर दोबारा बनाने का रास्ता साफ हो गया है। डीडीए अधिकारी के अनुसार इस अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। वह जल्द ही अपार्टमेंट का पूरा डीटेल सर्वे करेगा।
इसके बाद तोड़ने का प्लान फाइनल हो जाएगा। इससे पूर्व डीडीए ने अपार्टमेंट के सभी फ्लैट ओनर को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि 28 अक्टूबर तक अपने फ्लैट्स को पूरी तरह खाली कर दें। इसके बाद अब सभी फ्लैट्स खाली हो चुके हैं। काफी फ्लैट मालिकों ने अपने पजेशन भी शिफ्ट कर लिए हैं। सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का पूरा पजेशन अब डीडीए को मिल चुका है। अब 12 टावरों को तोड़कर दोबारा वनाने का रास्ता साफ हो गया है।
डीडीए बोला- अपार्टमेंट को पारंपरिक तरीके से तोड़ा जाएगा
डीडीए के मुताबिक सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए पारपरिक तरीका ही अपनाया जाएगा। यह एक-एक मंजिल कर तोड़ा जाएगा। पहले दावा किया गया था कि इसे नोएडा के ट्वीन टावर की तर्ज पर धमाके से तोड़ा जाएगा। डीडीए के अनुसार सिग्नेचर व्यू टावर की बिल्डिंग कमजोर है। इसलिए एक्सपर्ट के निर्णय के बाद इसे पांरपरिक तरीके से तोड़ने का फैसला लिया गया है। कमजोर बिल्डिंग की वजह से इसमें ड्रिल करके विस्फोटक लगाना असुरक्षित है। इसके आसपास कुछ कॉम्प्लेक्स है।
इसके बाद तोड़ने का प्लान फाइनल हो जाएगा। इससे पूर्व डीडीए ने अपार्टमेंट के सभी फ्लैट ओनर को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि 28 अक्टूबर तक अपने फ्लैट्स को पूरी तरह खाली कर दें। इसके बाद अब सभी फ्लैट्स खाली हो चुके हैं। काफी फ्लैट मालिकों ने अपने पजेशन भी शिफ्ट कर लिए हैं। सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट का पूरा पजेशन अब डीडीए को मिल चुका है। अब 12 टावरों को तोड़कर दोबारा वनाने का रास्ता साफ हो गया है।
डीडीए बोला- अपार्टमेंट को पारंपरिक तरीके से तोड़ा जाएगा
डीडीए के मुताबिक सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को तोड़ने के लिए पारपरिक तरीका ही अपनाया जाएगा। यह एक-एक मंजिल कर तोड़ा जाएगा। पहले दावा किया गया था कि इसे नोएडा के ट्वीन टावर की तर्ज पर धमाके से तोड़ा जाएगा। डीडीए के अनुसार सिग्नेचर व्यू टावर की बिल्डिंग कमजोर है। इसलिए एक्सपर्ट के निर्णय के बाद इसे पांरपरिक तरीके से तोड़ने का फैसला लिया गया है। कमजोर बिल्डिंग की वजह से इसमें ड्रिल करके विस्फोटक लगाना असुरक्षित है। इसके आसपास कुछ कॉम्प्लेक्स है।
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