नई दिल्लीः तीस हजारी की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के मामले को आगे की कार्रवाई के लिए सेशन कोर्ट को सौंप दिया। इस मामले में दाखिल चार्जशीट में हत्या की कोशिश का आरोप है, जिस पर सुनवाई का अधिकार सेशन कोर्ट के पास है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आरोपी सकारिया राजेश भाई खिमजी और सैयद तहसीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिस पर अदालत संज्ञान भी ले चुकी है। अब मामले की सुनवाई 10 नवंबर को सेशन कोर्ट में होगी।   
   
जनसुनवाई के दौरान हुआ था हमलाघटना 20 अगस्त की है जब सीएम के सरकारी आवास पर जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर कथित हमले के बाद सिविल लाइंस थाने में एक FIR दर्ज की गई थी। ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट (JMFC) कार्तिक तापड़िया ने मामले को आगे की कार्रवाई के लिए सेशन कोर्ट के पास भेज दिया। इस केस में अभियोजन के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर प्रदीप राणा पेश हुए। जबकि, आरोपी सकारिया का प्रतिनिधित्व एडवोकेट प्रदीप खत्री कर रहे हैं।
     
दाखिल चार्जशीट में हत्या की कोशिश का आरोपपुलिस का कहना है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने की वजह से आरोपित नाराज था। इसी वजह से उसने राजकोट से आकर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने शुरुआत में BNS की तीन धाराओं के तहत हत्या की कोशिश, सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया था। बाद में इस केस में आपराधिक साजिश रचने, साक्ष्य मिटाने और आर्म्स एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी गई।
  
जनसुनवाई के दौरान हुआ था हमलाघटना 20 अगस्त की है जब सीएम के सरकारी आवास पर जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर कथित हमले के बाद सिविल लाइंस थाने में एक FIR दर्ज की गई थी। ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट (JMFC) कार्तिक तापड़िया ने मामले को आगे की कार्रवाई के लिए सेशन कोर्ट के पास भेज दिया। इस केस में अभियोजन के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर प्रदीप राणा पेश हुए। जबकि, आरोपी सकारिया का प्रतिनिधित्व एडवोकेट प्रदीप खत्री कर रहे हैं।
दाखिल चार्जशीट में हत्या की कोशिश का आरोपपुलिस का कहना है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने की वजह से आरोपित नाराज था। इसी वजह से उसने राजकोट से आकर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने शुरुआत में BNS की तीन धाराओं के तहत हत्या की कोशिश, सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया था। बाद में इस केस में आपराधिक साजिश रचने, साक्ष्य मिटाने और आर्म्स एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी गई।
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