पटना: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने सभी छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। एनडीए गठबंधन में पार्टी को मिली इन सीटों पर रालोमो ने अपनी पकड़ मजबूत करने और 'कुशवाहा' वोट बैंक को साधने की रणनीति पर जोर दिया है।
पत्नी स्नेहलता सासाराम विधानसभा सीट से मैदान में
सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवार खुद पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता हैं, जिन्हें सासाराम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। उनका चुनावी मैदान में उतरना रालोमो के लिए एक भावनात्मक और राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा उम्मीदवारों की पूरी सूची
रालोमो ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट वितरण किया है, जिसमें कुशवाहा समुदाय के साथ-साथ अन्य वर्गों के चेहरों को भी मौका दिया गया है। पार्टी ने अनुभवी और क्षेत्रीय प्रभाव रखने वाले नेताओं पर भरोसा जताया है।
सभी विवादों को सुलझाने का दावा
एनडीए के घटक दल के रूप में, रालोमो को भाजपा और जदयू के साथ मिलकर काम करना है। सीटों के बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की शुरुआती नाराजगी की खबरों के बावजूद, दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद उन्होंने सभी विवादों को सुलझाने का दावा किया था। रालोमो अब इन छह सीटों पर एनडीए के लिए जीत सुनिश्चित करने और गठबंधन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन उम्मीदवारों का प्रदर्शन न सिर्फ पार्टी के भविष्य बल्कि उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक शक्ति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
पत्नी स्नेहलता सासाराम विधानसभा सीट से मैदान में
सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवार खुद पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता हैं, जिन्हें सासाराम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। उनका चुनावी मैदान में उतरना रालोमो के लिए एक भावनात्मक और राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा उम्मीदवारों की पूरी सूची
रालोमो ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा
रालोमो ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट वितरण किया है, जिसमें कुशवाहा समुदाय के साथ-साथ अन्य वर्गों के चेहरों को भी मौका दिया गया है। पार्टी ने अनुभवी और क्षेत्रीय प्रभाव रखने वाले नेताओं पर भरोसा जताया है।
सभी विवादों को सुलझाने का दावा
एनडीए के घटक दल के रूप में, रालोमो को भाजपा और जदयू के साथ मिलकर काम करना है। सीटों के बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की शुरुआती नाराजगी की खबरों के बावजूद, दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद उन्होंने सभी विवादों को सुलझाने का दावा किया था। रालोमो अब इन छह सीटों पर एनडीए के लिए जीत सुनिश्चित करने और गठबंधन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन उम्मीदवारों का प्रदर्शन न सिर्फ पार्टी के भविष्य बल्कि उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक शक्ति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
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