नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि, क्रॉस वोटिंग की भी आशंकाए हैं। मतदान संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा और मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी। परिणाम देर शाम तक आने की उम्मीद है।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 781 सदस्यीय निर्वाचक मंडल में करीब 436 वोट मिलने की उम्मीद है, जो जरूरी बहुमत 391 से कहीं ज्यादा है। राधाकृष्णन निर्णायक जीत की ओर अग्रसर हैं। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (11 सांसद) जैसी नॉन-INDIA ब्लॉक पार्टियों का समर्थन एनडीए की स्थिति को और मजबूत करता है, जबकि बीजू जनता दल (7 सांसद) और भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद) ने पुष्टि की है कि वे मतदान से दूर रहेंगे।
RSS से जुड़े हैं एनडीए उम्मीदवार?BJP के नेतृत्व वाले NDA ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु के बीजेपी के पुराने नेता हैं। अगर राधाकृष्णन चुनाव जीतते हैं, तो वह तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे। उनसे पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर वेंकटरमन उपराष्ट्रपति बन चुके हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह बचपन से ही RSS से जुड़े रहे हैं।
इंडिया ब्लॉक ने पूर्व जज पर खेला दांव?इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष इस चुनाव को आएसएस की विचारधारा वाले नेता और संविधान के मूल्यों की रक्षा करने वाले जज के बीच की लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है। जस्टिस रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के जज और गोवा के लोकायुक्त रह चुके हैं।
जीत के लिए क्या है जादुई आंकड़ा?वर्तमान में लोकसभा 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों के कुल सदस्य 781 हैं। जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को 391 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा। इसी बीच नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने की घोषणा कर दी है, जिससे अब जीत के आंकड़ें में थोड़ा फेरबदल होगा। तीन पार्टियों के मिलाकर 12 सदस्य संसद में मौजूद हैं। अब सांसदों की संख्या 669 ही रह गई। जीत के लिए राधाकृष्णन या सुदर्शन को सिर्फ 385 सांसदों का समर्थन चाहिए।
आंकड़ों में कौन आगे?एनडीए के पास दोनों सदनों में कुल 425 सासंद मौजूद हैं। इसके साथ ही वाईएसएआर ने भी एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को समर्थन दिया है। अब एनडीए के पास 436 सांसदों के वोट होंगे। आंकड़ों में देखा जाए तो एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है।
वहीं विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी की बात करें तो 324 वोट ही हैं। मतलब जीत के लिए 112 वोटों का अतंर है। इसके अलावा सात सांसद निदर्लीय हैं, जिन्होंने अभी तक किसी का समर्थन नहीं किया है। वहीं जेडपीएम, अकाली दल और आम आदमी पार्टी की स्वाति मालिवाल का स्टैंड भी क्लियर नहीं है। बहराल यदि विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में कुछ क्रॉस वोटिंग भी होती है, तब भी जीत काफी दूर नजर आ रही है।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 781 सदस्यीय निर्वाचक मंडल में करीब 436 वोट मिलने की उम्मीद है, जो जरूरी बहुमत 391 से कहीं ज्यादा है। राधाकृष्णन निर्णायक जीत की ओर अग्रसर हैं। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (11 सांसद) जैसी नॉन-INDIA ब्लॉक पार्टियों का समर्थन एनडीए की स्थिति को और मजबूत करता है, जबकि बीजू जनता दल (7 सांसद) और भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद) ने पुष्टि की है कि वे मतदान से दूर रहेंगे।
RSS से जुड़े हैं एनडीए उम्मीदवार?BJP के नेतृत्व वाले NDA ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु के बीजेपी के पुराने नेता हैं। अगर राधाकृष्णन चुनाव जीतते हैं, तो वह तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे। उनसे पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर वेंकटरमन उपराष्ट्रपति बन चुके हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह बचपन से ही RSS से जुड़े रहे हैं।
इंडिया ब्लॉक ने पूर्व जज पर खेला दांव?इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष इस चुनाव को आएसएस की विचारधारा वाले नेता और संविधान के मूल्यों की रक्षा करने वाले जज के बीच की लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है। जस्टिस रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के जज और गोवा के लोकायुक्त रह चुके हैं।
जीत के लिए क्या है जादुई आंकड़ा?वर्तमान में लोकसभा 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों के कुल सदस्य 781 हैं। जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को 391 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा। इसी बीच नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने की घोषणा कर दी है, जिससे अब जीत के आंकड़ें में थोड़ा फेरबदल होगा। तीन पार्टियों के मिलाकर 12 सदस्य संसद में मौजूद हैं। अब सांसदों की संख्या 669 ही रह गई। जीत के लिए राधाकृष्णन या सुदर्शन को सिर्फ 385 सांसदों का समर्थन चाहिए।
आंकड़ों में कौन आगे?एनडीए के पास दोनों सदनों में कुल 425 सासंद मौजूद हैं। इसके साथ ही वाईएसएआर ने भी एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को समर्थन दिया है। अब एनडीए के पास 436 सांसदों के वोट होंगे। आंकड़ों में देखा जाए तो एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है।
वहीं विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी की बात करें तो 324 वोट ही हैं। मतलब जीत के लिए 112 वोटों का अतंर है। इसके अलावा सात सांसद निदर्लीय हैं, जिन्होंने अभी तक किसी का समर्थन नहीं किया है। वहीं जेडपीएम, अकाली दल और आम आदमी पार्टी की स्वाति मालिवाल का स्टैंड भी क्लियर नहीं है। बहराल यदि विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में कुछ क्रॉस वोटिंग भी होती है, तब भी जीत काफी दूर नजर आ रही है।
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