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दुनिया में 6 मिनट तक छा जाएगा अंधेरा, सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण कब होने जा रहा, तारीख, जगह सब जान लीजिए

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वॉशिंगटन: सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि 2 अगस्त 2025 को दुनिया छह मिनट के लिए अंधकार में डूब जाएगी। यह भी दावा किया जा रहा है कि ऐसी घटना 100 साल में सिर्फ एक बार होने जा रही है। हालांकि, यह दावा अधूरा है, क्योंकि ऐसी घटना होने तो वाली है, लेकिन यह आने वाली 2 अगस्त को नहीं होगी। यह असल में आने वाले समय में एक दुर्लभ सूर्यग्रहण के बारे में हैं, जिसे सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण बताया जा रहा है। अब अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा ने इस दावे को लेकर जवाब दिया है और बताया है कि यह कब होने जा रहा है।



सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण

नासा के अनुसार, यह दुर्लभ सूर्यग्रहण 2025 के बजाय दो साल बाद 2 अगस्त 2027 को होने जा रहा है। इस दिन चंद्रमा की छाया यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों से गुजरेगी। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना की वजह बनेगी, जिसे दशकों से नहीं देखा गया है। 2 अगस्त 2027 को होने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण को सदी का ग्रहण कहा जा रहा है। इसके चलते धरती पर 6 मिनट 22 सेकंड तक अंधकार छा जाएगा, जो सदी का सबसे लंबा ग्रहण होगा। 1991 के बाद ऐसा नहीं हुआ है और आगे 2114 तक इसे नहीं देखा जा सकेगा।



यह ग्रहण लगभग 258 किलोमीटर चौड़े एक संकरे पथ पर दिखाई देगा और पृथ्वी की सतह के 15,227 किलोमीटर के हिस्से को कवर करेगा। नासा से जारी जानकारी के अनुसार, यह स्पेन, जिब्राल्टर, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान,सऊदी अरब, यमन और सोमालिया समेत 11 देशों के कुछ हिस्सों से होकर गुजरेगा।



इन इलाकों में देखा जाएगा ग्रहण

यह एक महत्वपूर्ण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, लेकिन ग्रह के केवल एक छोटे से हिस्से को प्रभावित करेगा। ग्रहण जिस पथ से होकर गुजरेगा, उस इलाके में दिन में अंधेरा छा जाएगा। वहीं, अफ्रीका, यूरोप और दक्षिणी एशिया के अधिकांश हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। उत्तरी अमेरिका और दुनिया के दूसरे हिस्सों, जिनमें भारत भी है, ग्रहण नहीं दिखाई देगा।



2025 में कब है सूर्यग्रहण?

साल 2025 का अगला सूर्यग्रहण 21 सितम्बर को होने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य की डिस्क को आंशिक रूप से ढक लेगा। सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी के क्रमशः एक सीध में होने के कारण ऐसा लगेगा, जैसे सूर्य का एक हिस्सा काट लिया गया हो। इस दौरान सूर्य अंर्धचंद्राकार जैसा दिखाई देगा।

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