दिवंगत गायक जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने बुधवार को उनकी अस्थियां ब्रह्मपुत्र नदी में विसर्जित कीं। उनके साथ गर्ग की बहन पाल्मी बोरठाकुर सहित परिवार के सदस्य भी मौजूद थे।
जुबीन गर्ग ने एक बार कहा था, "जब मैं चला जाऊं, तो मुझे ब्रह्मपुत्र में विसर्जित कर देना।" उनकी इसी इच्छा का सम्मान करते हुए दिवंगत गायक की अस्थियों को ब्रह्मपुत्र नदी में विसर्जित किया गया।
उनकी अंतिम विदाई की यह रस्म गुवाहाटी के रचित घाट पर की गई, जहां मीडिया और फैंस भी मौजूद थे। भारी संख्या में जुबीन गर्ग के फैंस यहां पर अपने प्रिय संगीतकार को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे।
जुबीन का निधन 19 सितंबर, 2025 को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक दुर्घटना में हुआ था। उनकी मृत्यु का कारण पानी में दम घुटना बताया जा रहा है। हालांकि, सीबीआई और असम की सीआईडी जुबीन गर्ग की मृत्यु की जांच कर रही हैं।
'जटाधरा' के ट्रेलर को मिले प्यार से अभिभूत हैं निर्माता प्रेरणा अरोड़ा
सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म 'जटाधरा' जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। फिल्म को लेकर निर्माता प्रेरणा अरोड़ा ने बताया कि ट्रेलर को लेकर जिस तरह से दर्शकों का प्यार मिल रहा है, वह मेरे लिए काफी प्रेरणादायक है।
प्रेरणा ने कहा, "सच कहूं तो एक निर्माता के तौर पर इसने मेरे विश्वास को हमेशा के लिए बदल दिया है, और विशेष रूप से जब मैंने 'रुस्तम,' 'टॉयलेट: एक प्रेमकथा,' और 'पैडमैन' जैसी फिल्में बनाई थीं, तब भी उन सभी फिल्मों के विषयों ने सिनेमा पर वैश्विक स्तर पर चर्चा पैदा की थी और ऐसी ही उम्मीद मैं अपनी आगामी फिल्म जटाधरा से कर रही थी, और जब लोग उससे इतनी गहराई से जुड़ रहे हैं, यह देखना मेरे लिए बेहद संतोषजनक है।"
निर्माता ने हालिया रिलीज सुपरनैचुरल हिट्स जैसे 'स्त्री-2', 'मुंज्या' और 'कांतारा' की तुलना में जटाधरा को अलग बताते हुए कहा, "जटाधरा इन सभी फिल्मों से अलग है, क्योंकि यह न तो कोई कॉमेडी फिल्म है और न फैंटेसी। बल्कि, यह तो एक अध्यात्मिकता के साथ काले जादू और डर के साथ जुड़े उन मासूम लोगों की साधारण कहानी के बारे में है, जो असाधारण शक्तियों में उलझ जाते हैं। यहां न सिर्फ डर दिखाई देता है, बल्कि मनोवैज्ञानिक भी रहता है। हालांकि, यहां हम काले जादू के जरिए लोगों का मनोरंजन नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसके परिणामों को सामने ला रहे हैं।”
हर्षवर्धन राणे ने याद किए संघर्ष के दिन, '10 रुपये' और 'एक प्लेट छोले-चावल' में किया था गुजारा
अभिनेता हर्षवर्धन राणे अपनी नई फिल्म 'एक दीवाने की दीवानियत' की सफलता का जश्न मना रहे हैं। इस बीच उन्होंने अपने शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए बताया कि कैसे वे कभी रोजाना सिर्फ 10 रुपये और एक प्लेट छोले-चावल में गुजारा किया करते थे।
उन्होंने बताया कि उनके जीवन में बहुत कठिन दिन आए जब उन्होंने घर छोड़कर खुद को साबित करना शुरू किया।
आईएएनएस से बात करते हुए हर्षवर्धन राणे ने कहा, ''घर छोड़ने के बाद सबसे पहली जरूरत होती है खाने की। खाने के लिए पैसे चाहिए, पैसे के लिए नौकरी चाहिए और नौकरी मिलना आसान नहीं होता। मैंने उस समय कई मुश्किलें देखीं।''
उन्होंने अपनी शुरुआत के दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने छोटे-मोटे काम किए ताकि जीने के लिए पर्याप्त पैसे मिल सकें।
अभिनेता ने आईएएनएस को बताया, ''शुरुआत में किसी ने मुझे काम नहीं दिया। सबसे आसान काम जिसे कोई भी कर सकता था, वह था वेटर का काम। इसके लिए किसी विशेष योग्यता की जरूरत नहीं होती। बस टेबल पर खाना परोसना होता था। मैंने इस तरह की नौकरी की। मुझे सिर्फ प्रतिदिन 10 रुपये और एक प्लेट छोले-चावल मिलते थे। यह मेरी शुरुआती सैलरी थी और इस काम से मैंने खुद का जीवन चलाना शुरू किया।''
'आशुतोष राणा थोड़े आक्रामक हैं,' जब रेणुका शहाणे ने पति के स्वभाव पर की थी बात
अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने एक बार स्वीकार किया था कि उनके पति और अभिनेता आशुतोष राणा स्वभाव से थोड़े आक्रामक हैं।
दरअसल सोशल मीडिया पर रेणुका के एक पुराने इंटरव्यू का वीडियो वायरल है। इसमें वह अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करती दिख रही हैं। वीडियो में वह अपने पति के स्वभाव के बारे में भी बताती हैं।
वीडियो में रेणुका शहाणे कहती हैं, "मुझे लगता है कि मैं और मेरे पति हमेशा एक-दूसरे को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि वह एक अद्भुत अभिनेता हैं। मुझे लगता है कि वह अपने काम में माहिर हैं और मेरे अभिनय पर भी सुझाव देते रहते हैं। उनके सुझाव हमेशा मुझे बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करते हैं, और मुझे लगता है कि अभिनय के प्रति उनका जो जुनून और जोश है, वह मुझमें नहीं है। मैं महत्वाकांक्षी नहीं हूं, इसलिए मुझे लगता है कि एक अभिनेता के रूप में मेरे लिए वह जुनून मेरे अंदर होना बहुत जरूरी है, इसलिए मैं उसे अपने अंदर लाने की कोशिश कर रही हूं।"
रेणुका ने आगे कहा, "वह स्वभाव से आक्रामक है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी वजह से वह थोड़े नरम पड़ गए हैं। इसलिए हम एक-दूसरे की मदद करते हैं। हम दोनों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि एक ही पेशे से होने के बावजूद हमारे बीच बिल्कुल भी अहंकार नहीं है। अगर उनके अभिनय की मैं आलोचना करती हूं, तो वह इसे बहुत सकारात्मक तरीके से लेते हैं क्योंकि हम दोनों का मानना है कि प्यार से अधिक, एक-दूसरे के प्रति सम्मान ही हमारे रिश्ते की नींव है।"
'महारानी 4' में कहानी बदली है, मेरा अभिनय का तरीका नहीं : हुमा कुरैशीबॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी रानी भारती का किरदार लेकर फिर से दर्शकों के सामने आने वाली हैं। 'महारानी' सीरीज ने अपने पिछले तीन सीजन में राजनीति और सत्ता की जटिलताओं को बड़े ही शानदार तरीके से पेश किया था। अब चौथे सीजन को लेकर दर्शकों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है।
इस बार कहानी बिहार से दिल्ली की ओर बढ़ रही है, जिससे यह नया सीजन पहले से ज्यादा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण नजर आने वाला है। हुमा कुरैशी का कहना है कि कहानी का दायरा बेशक बढ़ा है, लेकिन उनके अभिनय का तरीका वही है।
आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में हुमा कुरैशी ने रानी भारती के सफर के बारे में खुलकर बात की। रानी की कहानी एक अनपढ़ गृहिणी से लेकर शक्तिशाली राजनीतिक नेता तक के सफर को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि इस किरदार को निभाने में उन्होंने हमेशा अपने सहज अनुभव और अभिनय पर भरोसा किया है।
हुमा ने कहा, "एक अभिनेता के तौर पर जब कोई तरीका काम कर रहा हो तो उसे बदलने की जरूरत नहीं होती। मैं स्क्रिप्ट पढ़ती हूं, अपनी लाइनें अच्छी तरह से करती हूं और पूरी तरह किरदार में डूब जाती हूं। मेरा यही तरीका चौथे सीजन में भी बरकरार है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
You may also like

मोदी का यमुना से कोई लेना-देना नहीं है, छठ पूजा को लेकर राहुल गांधी ने ऐसे साधा निशाना

अमरोहा: गंगा मेले में ड्यूटी से गायब चार दरोगा समेत 12 पुलिसकर्मी निलंबित, 27 अन्य अफसरों को कारण बताओ नोटिस

Bihar Election 2025: महात्मा गांधी के परपोते ने किया कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार का किया समर्थन

जेएनयूएसयू चुनाव: एबीवीपी ने घोषित किए प्रत्याशी, लेफ्ट की नाकामी पर हमला

गाजियाबाद में BJP पार्षद शीतल चौधरी पर फायरिंग, कार पर गोली चलाकर भागे बाइक सवार, हमलावरों को तलाश रही पुलिस




