नई दिल्ली, 22 अप्रैल . वक्फ कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली में मंगलवार को वक्फ बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में कई मुस्लिम संगठनों के शीर्ष नेतृत्व ने हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा, हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए और वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों को संबोधित किया.
सम्मेलन में मुस्लिम संगठनों का नेतृत्व कर रहे कुछ लोगों के साथ न्यूज एजेंसी ने बातचीत की.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव यासीन अली उस्मानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ मुस्लिम संगठनों की हाल में हुई मुलाकात पर कहा कि बैठक करना एक बात है और वक्फ कानून का समर्थन करना दूसरी बात है. मुझे नहीं पता कि किन संगठनों ने पीएम मोदी से मुलाकात की और इस कानून का खुलकर समर्थन किया. कोई भी किसी से भी मिल सकता है. इस समय सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि देश के सभी अल्पसंख्यक और न्यायप्रिय लोग, लाखों की संख्या में, इस कानून (वक्फ संशोधन) के खिलाफ हमारे साथ खड़े हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने वक्फ संशोधन सम्मेलन पर कहा कि वक्फ में किए गए संशोधन हानिकारक और असंवैधानिक हैं. मुस्लिम समुदाय से वक्फ संपत्ति छीनने की कोशिश की जा रही है. हम अपनी आवाज इसलिए उठा रहे हैं ताकि लोग समझें कि ये संशोधन कितने खतरनाक हैं. हमारा लक्ष्य जागरूकता पैदा करना है, ताकि सरकार पर इन्हें वापस लेने के लिए जनता का दबाव बने.
आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि ऐसे मुश्किल समय में, कई लोग बस समर्थन और एकजुटता की तलाश में हैं. यह लड़ाई सिर्फ मुसलमानों की नहीं है, बल्कि सभी भारतीयों की है, यह उत्पीड़न और न्याय के बीच का संघर्ष है. उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. जो लोग मौलाना आजाद, नेहरू और गांधी के बीच किए गए ऐतिहासिक समझौते को तोड़ने की कोशिश करेंगे, वे अंततः गिरेंगे.
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डीकेएम/
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