बिजनौर, 18 अक्टूबर . फर्जी महिला जज और पेशगार बनकर आए वकील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद Police ने उनको अदालत में पेश किया. अदालत ने फर्जी महिला जज और वकील को जेल भेज दिया है. विस्तृत जांच के लिए Police की एक टीम जनपद रामपुर भी गई है.
Friday देर शाम एचएफडीसी बैंक के शाखा प्रबंधक अतुल द्विवेदी ने फर्जी महिला जज आयशा परवीन और वकील अनस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. आरोप है कि मुजफ्फरनगर के गांव दधेडू कलां की रहने वाली आयशा परवीन ने खुद को न्यायाधीश बताया और जनपद रामपुर में तैनात होने की बात कही. साथ में आए बिजनौर, मंडावर थाना क्षेत्र के किशनवार निवासी वकील अनस ने खुद को जज का पेशगार बताया. बैंक में 35 लाख के पर्सनल लोन के लिए आयशा परवीन की ओर से आवेदन किया गया था.
Friday को ही लोन की रकम ट्रांसफर होने ही वाली थी. इस बीच लोन के लिए जमा किए गए कागज संदिग्ध होने पर क्रॉस जांच की गई. शक होने पर साइबर थाने में तैनात Policeकर्मी विवेक तोमर को भी मौके पर ही बुला लिया गया था. शुरुआती जांच में ही जज का पहचान पत्र, सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, और नियुक्ति पत्र आदि फर्जी पाए गए. ऐसे में Police ने आयशा परवीन और वकील अनस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, Saturday को महिला जज का चालान करते हुए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
शहर कोतवाली के एसएसआई सतेंद्र मलिक ने बताया कि गिरफ्तार होने के बाद फर्जी जज आयशा परवीन बेहद परेशान हो गई. उसने Police से कहा कि गलती हो गई, मेरे घर मत बताना. मां बीमार है और पिता को अटैक आ जाएगा. हालांकि Police ने उसके परिवार वालों को सूचना दे दी थी. शहर कोतवाली पहुंचे आरोपी आयशा के पिता बार-बार रोते रहे. उन्हें यह मालूम ही नहीं था कि उनकी बेटी असल में जज नहीं है.
देहरादून में रहकर लॉ की पढ़ाई करने वाली आयशा ने 2019 में एमबीए भी किया. आयशा परवीन ने पीसीएस जे की परीक्षा भी दी. हालांकि उस परीक्षा में आयशा फेल हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी उसने दिसंबर 2023 में पास होने का शोर मचाया. परिवार वालों ने उस वक्त जश्न भी मनाया. बाकायदा आयशा की सफलता को अखबारों में भी प्रकाशित कराया गया था.
जिस गाड़ी से आयशा परवीन बिजनौर पहुंची थी, उस पर आगे-पीछे जज का स्टीकर लगा हुआ है. बड़े-बड़े अक्षरों में न्यायाधीश भी लिखा है. दिहाड़ी पर गाड़ी चलाकर आए चालक ने Police को बताया कि मैडम अक्सर उसे गाड़ी चलाने के लिए बुलाती थी. कहीं पर भी टोल नहीं दिया जाता था. गाड़ी को Police ने बरामद किया है, जो कि आयशा के भाई के नाम पर पंजीकृत है.
Police की जांच में सामने आया कि आयशा परवीन ने रामपुर की पॉश कॉलोनी में दस हजार प्रति माह के किराए पर घर ले रखा था. घर में काम करने के लिए बाकायदा नौकरानी लगी थी. खुद को जज बताते हुए आयशा पूरा रौब गालिब करती थी. परिचितों को भी उसने खुद को जज ही बता रखा था.
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एमएस/पीएसके
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