चेन्नई, 22 अक्टूबर . संगीतकार इलैयाराजा और सोनी म्यूजिक कंपनी के बीच कानूनी विवाद चल रहा है. संगीतकार ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर गानों का राजस्व साझा करने की अपील की थी.
इसकी सुनवाई के दौरान कंपनी ने Wednesday को संगीतकार को उनकी रचनाओं के व्यावसायिक उपयोग से अर्जित राजस्व का विवरण देने से इनकार कर दिया. यह मामला मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार के समक्ष सुनवाई के लिए आया.
सोनी म्यूजिक की ओर से पेश हुए वकील विजय नारायण ने कहा कि उनके मुवक्किल ने न्यायाधीश के अवलोकन के लिए एक सीलबंद लिफाफे में खातों का विवरण प्रस्तुत किया था, लेकिन इसे इलैयाराजा या उनके वकील के साथ साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि दस्तावेज में गोपनीय व्यावसायिक जानकारी शामिल थी, जिसमें एप्पल म्यूजिक, अमेजन म्यूजिक और स्पॉटिफाई जैसे प्लेटफॉर्म से प्राप्त राजस्व भी शामिल था.
उन्होंने तर्क दिया कि इलैयाराजा तब तक ऐसा डेटा नहीं मांग सकते जब तक कि वे पहले उन गानों पर अपना कानूनी अधिकार स्थापित न कर लें. ये गाने उन फिल्मों के लिए रचे गए थे, जिनके लिए उन्हें निर्माताओं से पहले ही पारिश्रमिक मिल चुका है.
इस तर्क का विरोध करते हुए इलैयाराजा की ओर से वकील एस. प्रभाकरन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीलबंद लिफाफों में दस्तावेज जमा करने की प्रथा को बार-बार अस्वीकार किया है.
उन्होंने अदालत से सोनी म्यूजिक को विवरण सार्वजनिक रूप से प्रकट करने का निर्देश देने का आग्रह किया और कहा कि ऐसी जानकारी को रोकने से न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता कम होती है.
हालांकि, न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने इस स्तर पर सीलबंद लिफाफा खोलने से इनकार कर दिया. न्यायाधीश को सूचित किया गया कि सोनी म्यूजिक ने इलैयाराजा के मुकदमे को मद्रास उच्च न्यायालय से बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए पहले ही सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. यहीं पर कंपनी ने 2021 में एक संबंधित दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें खुद को इस अनुभवी संगीतकार के कुछ गानों का वास्तविक कॉपीराइट धारक घोषित करने की मांग की गई थी.
अब इलैयाराजा के मामले की सुनवाई 27 नवंबर को होगी, लेकिन तब तक सोनी म्यूजिक ने जो विवरण दिया है, वह सीलबंद लिफाफे में ही रहेगा.
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जेपी/एबीएम
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