New Delhi, 5 सितंबर . भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भारतीय व्यापारियों से स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार के अवसरों के बीच भारत का विशाल उपभोक्ता बाजार दुनियाभर की कंपनियों को आकर्षित कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ जैसे मुद्दे चुनौतियां पेश कर रहे हैं. फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर स्वदेशी उत्पादों का प्रभाव अगले कुछ वर्षों में और बढ़ेगा.
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश में लगभग 10 करोड़ से अधिक व्यापारी और रेहड़ी-पटरी वाले रिटेल व्यापार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. यह व्यापार वर्तमान में 82 लाख करोड़ रुपए का है और अगले 10 वर्षों में इसके 190 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. इस विशाल बाजार पर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नजर है.
उन्होंने चिंता जताई कि मल्टी-ब्रांड रिटेल में कानूनी अनुमति न होने के बावजूद अमेजन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ई-कॉमर्स के अवैध रास्तों से भारतीय बाजार में प्रवेश कर रही हैं. इससे छोटे व्यापारियों पर गंभीर असर पड़ रहा है. डिजिटल अर्थव्यवस्था के दौर में साइबर सुरक्षा, जीएसटी सरलीकरण, जटिल कानूनी अनुपालन, व्यापारी क्रेडिट कार्ड, बैंक खातों का फ्रीज होना, डिजिटल साक्षरता और क्विक कॉमर्स जैसे मुद्दे भी व्यापारियों के सामने चुनौती बनकर उभरे हैं. विभिन्न व्यापारी संगठन इन समस्याओं के समाधान के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं.
खंडेलवाल ने बताया कि Prime Minister Narendra Modi के ‘स्वदेशी खरीदो, स्वदेशी बेचो’ के आह्वान को लागू करने के लिए 15 और 16 सितंबर को नागपुर में एक व्यापारी जुटान का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में 400 से अधिक व्यापारी हिस्सा लेंगे और स्वदेशी अभियान की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे. यह आयोजन स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और छोटे व्यापारियों की समस्याओं पर विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण मंच साबित होगा.
आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने व्यापारियों और ग्राहकों से स्वदेशी सामान को प्राथमिकता देने की अपील की. उन्होंने कहा, “हम सभी व्यापारियों से अनुरोध करते हैं कि वे Prime Minister मोदी के इस आह्वान को समझें और अपने व्यवसाय में स्वदेशी सामान को बढ़ावा दें. ग्राहकों को भी स्वदेशी उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें. यह कदम न केवल स्थानीय व्यापारियों को सशक्त करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा.”
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एकेएस/वीसी
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