Mumbai , 4 अक्टूबर . बाजार के जानकारों ने Saturday को कहा कि भारतीय शेयर बाजार ने पिछले सप्ताह का समापन सकारात्कम रुख के साथ किया क्योंकि आरबीआई के विकास संबंधी रुख से निवेशकों के विश्वास को मजबूती मिली.
सेंसेक्स बीते कारोबारी दिन Friday को 223.86 अंक या 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 81,207.17 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 57.95 अंक या 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,894.25 पर बंद हुआ.
निफ्टी ने अपने प्रमुख 50-डे मूविंग एवरेज 24,830 के स्तर को पार किया और एक डेली चार्ट पर एक बुलिश कैंडल फॉर्म की. पिछली सप्ताह की गिरावट के बाद इंडेक्स ने 24,800 स्तर से ऊपर बंद होकर रिकवरी के संकेत दिए.
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, आरबीआई द्वारा वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत करने और ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा से बैंकिंग सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन हुआ.
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “अक्टूबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती, डॉलर सूचकांक में नरमी और बेस मेटल की स्थिर कीमतों को लेकर आशावाद के चलते मेटल स्टॉक्स में तेजी जारी रही.”
इस बीच, सोने ने अपनी सुरक्षित निवेश की अपील को बढ़ाया, जबकि मजबूत औद्योगिक मांग और सप्लाई-साइड की बाधाओं के कारण चांदी में तेजी आई.
विश्लेषकों के अनुसार, फेस्टिव डिमांड की उम्मीदों के चलते उपभोक्ता केंद्रित क्षेत्रों में तेजी आई, जबकि अमेरिका-India व्यापार समझौते पर प्रगति की कमी के कारण आईटी और फार्मा सेक्टर में गिरावट रही.
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के एक नोट के अनुसार, बेंचमार्क सूचकांकों ने लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करते हुए एक छोटे सप्ताह का अंत सकारात्मक रुख के साथ किया.
पीएसयू बैंक शेयरों ने भी प्रमुख योगदान दिया, जिसमें निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने बीते सप्ताह 4.43 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाई.
बीते कारोबारी सत्र में मेटल, पीएसयू बैंक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रत्येक में 1-2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई.
निफ्टी बैंक पिछले 3-4 सत्रों से उल्लेखनीय मजबूती प्रदर्शित कर रहा है. डेली चार्ट में हायर हाई और हायर लो के साथ एक बुलिश कैंडल बनाना, लार्जकैप बैंकिंग शेयरों में मजबूती के कारण सकारात्मक गति के जारी रहने का संकेत देता है.
विश्लेषकों का कहना है कि आगे की ओर बाजार की गति को वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही की मजबूत आय और मौसमी मांग के अनुकूल रुख से समर्थन मिलने की उम्मीद है, हालांकि वैश्विक व्यापार घटनाक्रम और अमेरिकी नीतिगत कदम अल्पकालिक अस्थिरता पैदा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि फेड द्वारा हाल ही में की गई 25-बीपीएस ब्याज दर में कटौती और आगे भी नरमी की संभावनाओं के साथ, उभरते बाजारों में एफआईआई प्रवाह को बढ़ावा देने की संभावना है.
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एसकेटी/
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