अजमेर, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran News). 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में जेल जा चुकीं आरपीएस अधिकारी एवं एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल की परेशानी और बढ़ गई है. सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो मनमोहन चंदेल ने आदेश दिया है कि उनके खिलाफ लगाए गए 50 हजार रुपए की कॉस्ट की वसूली वेतन से की जाए. अदालत ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि राशि की वसूली कर 15 दिनों में पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दिव्या मित्तल का परिवाद 50 हजार रुपए की कॉस्ट सहित खारिज किया गया था, लेकिन न तो उन्होंने यह राशि जमा कराई और न ही आदेश के खिलाफ अपील दायर कर स्टे लिया. इससे साफ है कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की.
यह था मामलादिव्या मित्तल ने अपने परिवाद में आरोप लगाया था कि उनके कार्यालय के पुलिसकर्मी बहादुर सिंह और सुमेर सिंह, एनडीपीएस नकली दवा प्रकरण के आरोपी विकास अग्रवाल और मोहित अग्रवाल तथा शेर खान ने षड्यंत्रपूर्वक उन पर जानलेवा हमला किया और राजकार्य में बाधा डाली. उन्होंने अदालत से भादंसं की धाराओं 307, 332, 353, 506, 509 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी.
अदालत ने आदेश में उल्लेख किया कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या कोई अपराध सिद्ध नहीं होता. जांच के दौरान गेगल थाना अधिकारी के सामने भी मित्तल ने बयान देने से इनकार कर दिया था. साथ ही, उन्होंने अपने परिवाद में किसी अन्य गवाह का भी बयान पेश नहीं किया. अदालत ने इसे आधारहीन मानते हुए न्यायालय का समय खराब करने वाला करार दिया और परिवाद को 50 हजार रुपए की कॉस्ट के साथ खारिज कर दिया.
You may also like
कप्तानी दूर की बात, पहले टी20 टीम में जगह पक्की कर लें, शुभमन गिल को लेकर आया बड़ा बयान
ये लोग भूल से भी ना खरीदें Mahindra Thar, नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा
करवा चौथ पर चांद दिखने से पहले करें ये खास काम, मिलेगा व्रत का पूरा फल!
UGC NET Dec 2025: शुरू हुए यूजीसी नेट दिसंबर के रजिस्ट्रेशन, इन कैंडिडेट्स के लिए ₹325 फीस, ऐसे भरें फॉर्म
पीएमएलए ट्रिब्यूनल का आदेश: हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से जब्त कार वापस करे ईडी