New Delhi, 8 नवंबर . अच्छा पाचन ही अच्छे स्वास्थ्य की बुनियाद है. अगर पेट ठीक है तो शरीर की ज्यादातर दिक्कतें अपने आप दूर हो जाती हैं. लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत खान-पान, तनाव और नींद की कमी की वजह से लोगों में कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. ऐसे में नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) एक सरल और असरदार उपाय है.
जैसा कि नाम से जाहिर है, नेचुरोपैथी में उपचार पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से होता है, जो प्रकृति के सिद्धांतों जैसे जल, वायु, सूर्य, आहार और जीवनशैली पर आधारित होता है.
नेचुरोपैथी में गट हेल्थ (आंतों का स्वास्थ्य) को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. हाल ही में कई शोधों में यह बात सामने आई है कि पानी से किए जाने वाला उपचार कोल्ड हिप बाथ (ठंडे पानी के टब में बैठना) आंतों के स्वास्थ्य में जबरदस्त सुधार ला सकता है.
इसे करने का तरीका भी बहुत आसान है. ठंडे पानी से भरे टब में कुछ समय के लिए कमर तक बैठना. इस प्रक्रिया से पेट और आंतों के आसपास का रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे पाचन क्रिया तेज होती है, कब्ज में राहत मिलती है और पेट की सूजन कम होती है.
अगर आप लंबे समय से कब्ज या पेट फूलने की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो दवाइयों के बजाय इस प्राकृतिक उपाय को जरूर आजमाएं. कोल्ड हिप बाथ करने से शरीर की गर्मी संतुलित होती है और आंतों की क्रिया स्वाभाविक रूप से बेहतर होती है. इसके साथ अगर आप फाइबर युक्त आहार, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपने भोजन का हिस्सा बना लें, तो इसका असर और भी बढ़ जाता है.
नेचुरोपैथी का मानना है कि शरीर खुद में ही हीलिंग की ताकत रखता है, बस उसे सही माहौल देने की जरूरत होती है. इसलिए नियमित दिनचर्या, पर्याप्त नींद, हल्की कसरत और सकारात्मक सोच के साथ अगर आप कोल्ड हिप बाथ जैसी साधारण प्रक्रियाएं अपनाते हैं, तो पाचन तंत्र ही नहीं, पूरा शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करेगा.
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पीआईएम/एएस
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