New Delhi, 9 अक्टूबर . वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने Thursday को Governmentी एजेंसियों से शहरी बच्चों को प्रकृति के करीब लाने के लिए फार्म स्टे टूरिज्म को बढ़ावा देने का आह्वान किया.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “बहुत सारे बच्चे शहरी परिवेश में बड़े हो रहे हैं, प्रकृति से पूरी तरह कटे हुए. स्कूलों को अपने छात्रों को फार्म स्टे के अनुभवों के लिए भेजना बहुत फायदेमंद होगा.”
कांग्रेस नेता ने केरल के कोझिकोड जिले के तिरुवंबाडी शहर के पास अनक्कमपोयिल गांव में कार्मेल एग्रो फार्म में फार्म टूरिज्म और होमस्टे के प्रतिनिधियों के साथ अपनी पिछली बातचीत का एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो को पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “फार्म स्टे टूरिज्म को Government से उचित प्रोत्साहन और प्रचार की आवश्यकता है.”
उन्होंने आगे social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “फार्म स्टे पहल शुरू करने के लिए एक साथ आए 27 उद्यमी किसानों के साथ यह बैठक बहुत आनंददायक रही. यह एक अद्भुत जोड़े – एल्सी और डोमिनिक – के स्वामित्व वाले फार्म में आयोजित की गई थी.”
उन्होंने कहा, “एल्सी विभिन्न पौधों, उनके उपयोग और खेती के बारे में ज्ञान का भंडार है. मैंने उससे कहा कि वह बहुत भाग्यशाली है क्योंकि उसे कभी कुछ खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती- उसके खेत में हर वह चीज उगती है जिसके बारे में आप सोच सकते हैं.”
कांग्रेस नेता ने केरल के किसानों के साथ अपनी बातचीत का विवरण साझा करते हुए कहा, “जिन 27 किसानों से मैं मिली, उनमें से हर एक कुछ अनोखा उगाता है (उनमें से कुछ ने अपनी उपज के लिए पुरस्कार जीते हैं), कॉफी, मसाले, सभी प्रकार के फल, कुछ मछली पालन करते हैं, कुछ बत्तख और विदेशी जानवर पालते हैं, एक सज्जन तो टारेंटयुला भी पालते हैं.”
उन्होंने फार्म स्टे टूरिज्म को बढ़ावा देने का सुझाव देते हुए कहा कि न केवल स्कूली बच्चे, बल्कि वयस्क भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, “वयस्कों के लिए भी यह खेती के बारे में जानने और उसका अनुभव करने का एक दिलचस्प और मजेदार तरीका है. साथ ही यह कई छोटे किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत प्रदान करेगा, जिन्हें सहायता की आवश्यकता है.”
कांग्रेस नेता ने Wednesday को वायनाड के किसानों के लिए बाढ़ राहत का मुद्दा उठाया था.
उन्होंने Wednesday को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र Government द्वारा 2024 में वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन से प्रभावित लोगों के ऋण माफ करने से इनकार करना चौंकाने वाला है, खासकर तब जब कुछ बड़े व्यावसायिक घरानों के ऋण बिना किसी हिचकिचाहट के माफ कर दिए जाते हैं. ये ऋण उन लोगों के जीवन का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने बिना किसी गलती के अकल्पनीय पीड़ा सहन की है – तुलनात्मक रूप से ये कुल राशि बहुत कम है.”
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एएसएच/डीकेपी
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