इस्लामाबाद, 21 सितंबर . जेल में बंद Pakistan के पूर्व पीएम इमरान खान के कुछ social media पोस्ट्स ने हंगामा मचा दिया है. इसे भड़काऊ बताते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. स्थानीय मीडिया ने Sunday को यह जानकारी दी.
इस्लामाबाद, 21 सितंबर . जेल में बंद Pakistan के पूर्व पीएम इमरान खान के एक social media पोस्ट ने हंगामा मचा दिया है. इसे भड़काऊ बताते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. स्थानीय मीडिया ने Sunday को यह जानकारी दी.
गुलाम मुर्तजा खान नामक व्यक्ति ने बैरिस्टर जफरुल्लाह खान एडवोकेट के माध्यम से अदालत में याचिका दायर की. Pakistanी दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने याचिका में उल्लेख किया है कि एक सजायाफ्ता कैदी के social media प्लेटफॉर्म से “भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण” सामग्री साझा करना गैरकानूनी और जेल नियमों के विरुद्ध है.
याचिकाकर्ता ने अदालत से राष्ट्रीय साइबर अपराध जांच एजेंसी और Pakistan दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को यह पता लगाने के लिए गहन जांच करने का आदेश देने का आग्रह किया कि Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान जेल में हैं, लेकिन इस दौरान उनके अकाउंट पर कौन पोस्ट साझा कर रहा है. उन्होंने अदालत से social media प्लेटफॉर्म से ऐसी सामग्री को ब्लॉक करने और हटाने का भी अनुरोध किया.
याचिकाकर्ता ने अदालत से जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया कि कैदी को जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए social media का उपयोग या संचालन करने की अनुमति न हो, और ऐसी गतिविधि को “असंवैधानिक और अवैध” बताया. इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने अदालत से पीटीआई से इमरान खान के जेल में रहने के दौरान उनके अकाउंट से उत्पन्न सामग्री का पुनर्वितरण या प्रचार न करने का अनुरोध किया.
72 वर्षीय इमरान खान, जो 2018 से 2022 तक Pakistan के Prime Minister रहे, अगस्त 2023 से तोशाखाना मामले सहित कई आरोपों में अदियाला जेल में बंद हैं. हालांकि, उनके एक्स अकाउंट पर नियमित रूप से पोस्ट शेयर किए जाते हैं.
18 सितंबर को, इमरान खान के social media पर एक पोस्ट शेयर की गई, जिसमें उन्होंने Pakistan के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को मानसिक यातना देने का आरोप लगाया. उन्होंने मुनीर पर Pakistan में अराजकता और फासीवाद का माहौल बनाने के लिए सेना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “जेल में मुझे और बुशरा बेगम को जो मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं, वे असीम मुनीर द्वारा दी जा रही हैं, और इसका एकमात्र उद्देश्य हमें तोड़कर घुटने टेकने पर मजबूर करना है. सेना ने जनरल याह्या खान को देश पर शासन करने के लिए नहीं चुना था; बल्कि, उन्होंने सेना का इस्तेमाल तानाशाही स्थापित करने के लिए किया और देश पर अत्याचार और अत्याचार का राज चलाया. दस साल तक शासन करने के लालच में, उन्होंने हमारे देश के टुकड़े कर दिए. आज, असीम मुनीर भी यही कर रहे हैं: हमारे देश में अराजकता और फासीवाद का माहौल बनाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं.”
इस पोस्ट में आगे कहा, “असीम मुनीर ने अपने नाजायज शासन को दस साल तक जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पहले तो उन्होंने लोकतंत्र का गला घोंट दिया. 9 मई (2023) को झूठा झंडा फहराकर उन्होंने देश की सबसे बड़ी Political पार्टी को कुचलने की कोशिश की. फिर, 8 फरवरी (2024) को, जब लोगों ने Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ को भारी बहुमत से जिताया, तो उस चुनाव को बेशर्मी से चुरा लिया गया. जनादेश छीनकर अपराधियों को सौंप दिया गया. उसके बाद, न्यायपालिका को अक्षम कर दिया गया और 26वें संशोधन के जरिए न्यायाधीशों को अधीन कर दिया गया. न्यायपालिका को Government के एक अधीनस्थ विभाग के अलावा और कुछ नहीं बना छोड़ा है.”
इस पोस्ट में आगे कहा गया कि Pakistan में प्रेस की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं और स्वतंत्र प्रेस की अवधारणा को ही मिटा दिया गया है. लिखा, “Pakistan में लोकतंत्र की जो कमजोर पकड़ थी—जिसमें कुछ हद तक स्वतंत्र न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया शामिल था—उसे असीम मुनीर ने खत्म कर दिया है. देश में लोकतंत्र हाशिए पर है, मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर है, न्यायपालिका अधीन है और मीडिया खौफजदा है.”
उन्होंने दावा किया कि असीम मुनीर के Pakistan के सेना प्रमुख बनने के बाद से अफगानिस्तान के साथ Pakistan के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. उन्होंने कहा, “जब से असीम मुनीर ने सेना प्रमुख का पद संभाला है, वह अफगानिस्तान के साथ संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद, उन्होंने पहले अफगानिस्तान को धमकियां दीं, फिर तीन पीढ़ियों से यहां रह रहे अफगानों को निष्कासित कर दिया, उसके बाद वहां ड्रोन हमले किए, उन्हें Pakistan से लड़ने के लिए उकसाने की हर संभव कोशिश की, जिससे आतंकवाद का माहौल बना. वह ऐसा पश्चिमी देशों में मौजूदा अफगान Government का विरोध करने वाली लॉबियों के सामने खुद को ‘मुजाहिद’ (योद्धा) के रूप में पेश करने के लिए कर रहे हैं, ताकि उन्हें यह विश्वास दिलाया जा सके कि आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई वही लड़ सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “इस दमन के कारण, Pakistan की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक रूप से गिरी है. विदेशी निवेश लगभग शून्य है. Pakistan के इतिहास में निवेश इतना कम कभी नहीं रहा जितना इस समय है. तीन वर्षों में, राष्ट्रीय ऋण दोगुना हो गया है. हर Pakistanी अब कर्ज के दलदल में फंसा हुआ है. जब तक जनता की Government स्थापित नहीं होती, देश की आर्थिक चुनौतियों का समाधान संभव नहीं होगा.”
इमरान खान ने याद दिलाया कि चुनावों से पहले पैदा हुए भय के माहौल के बावजूद उन्होंने चुनावों में पीटीआई की जीत की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा कि अन्याय, फासीवाद, अराजकता और आर्थिक तबाही Pakistan को नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी स्थिति की ओर धकेल रही है. उन्होंने Pakistan के लोगों से 27 सितंबर को पेशावर में होने वाली रैली में भाग लेने का आग्रह किया.
एक्स पोस्ट में लिखा गया है: “चुनावों से पहले, हालांकि डर का माहौल था, मैंने भविष्यवाणी की थी कि Pakistan तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी क्लीन स्वीप करेगी, और ठीक वैसा ही हुआ. आज मैं एक और भविष्यवाणी कर रहा हूं: हमारे देश में अन्याय, उत्पीड़न, फासीवाद, अराजकता और आर्थिक तबाही Pakistan को तेजी से नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी स्थिति की ओर धकेल रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पीटीआई के सभी सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश देता हूं: अब समय आ गया है कि वे सच्चे विपक्ष की भूमिका निभाएं. जो ऐसा नहीं करेगा, वह अपनी Political कब्र खुद खोदेगा क्योंकि जनता यही चाहती है. हमने अपने जनादेश की चोरी समेत हर अन्याय के खिलाफ कानूनी उपाय ढूंढे, लेकिन हमें न्याय नहीं मिला; इसलिए अब समय आ गया है कि हम मजबूती से विपक्ष में खड़े हों. जितना सहयोग करेंगे, उतना ही ज्यादा आप पर अत्याचार होगा. जो लोग इस व्यवस्था के खिलाफ दृढ़ता से खड़े नहीं होंगे, वे अपनी Political कब्र खुद खोदेंगे. मैं पूरे देश से 27 सितंबर को होने वाली पेशावर रैली पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान करता हूं. देश भर के लोगों को इस सभा में भाग लेना चाहिए और उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए.”
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केआर/
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